
विदेशी जमातियों को पनाह दिलाने वाले प्रो मो शाहिद के खिलाफ एक और आरोप पत्र दाखिल , विवि ने किया है निलंबित
प्रयागराज | विदेशी जमातियों के मददगार इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के खिलाफ दर्ज मुकदमे में कार्रवाई करते हुए शाहगंज थाना पुलिस ने सीओ कार्यालय में चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस मामले में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद समेत 18 लोग आरोपी बनाये गए है। इससे पहले करेली थाना पुलिस ने थाईलैंड के नौ नागरिकों समेत 12 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था। दोनों थानों में दर्ज मामलों में कुल 30 लोग 21 अप्रैल को जेल भेजे गए हैं। वहीं शिवकुटी थाने में प्रोफेसर के खिलाफ दर्ज मुकदमे की भी चार्जशीट दाखिल हो गयी है।
विदेशियों को ठहराने की नही दी जानकारी
आईजी जोन के पी सिंह के मुताबिक चार्जशीट दाखिल होने के बाद अब सभी मामले कोर्ट भेजे जायेंगे। जिसके बाद अदालत में मुकदमे की सुनवाई शुरु होगी। गौरतलब है कि इंडोनेशिया के सात नागरिक टूरिस्ट बीजा पर भारत आये थे। लेकिन वे धार्मिक कार्यक्रम में दिल्ली तबलीगी जमात में शामिल हुए। 21 मार्च को वे दिल्ली से बिहार के गया जा रहे थे। बीच रास्ते में उन्हें लॉकडाउन की सूचना मिली तो सभी प्रयागराज में उतर गए। यहां पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद की मदद से सभी विदेशी जमातियों ने शाहगंज थाना क्षेत्र में स्थित अब्दुल्लाह मस्जिद में शरण ली। लेकिन इस मामले में प्रोफेसर के साथ ही मस्जिद के मुतवल्ली समेत अन्य ने विदेशियों के मस्जिद में ठहरने की कोई जानकारी प्रशासन को नहीं दी थी। जिसके बाद 31 मार्च की रात पुलिस ने छापेमारी कर मस्जिद से 38 लोगों को क्वारेंटीन किया था।
प्रो को भेजा गया है जेल
जिनमें से 17 लोगों के खिलाफ पुलिस ने शाहगंज थाने में नामजद मुकदमा दर्ज करा दिया था। जिसमें सात इंडोनेशियाई जमाती भी शामिल है। इसमें से एक इंडोनेशियाई जमाती की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आयी थी। जिसकी बाद में जांच रिपोर्ट निगेटिव आने पर उसे डिस्चार्ज कर दिया गया था। जांच में पुलिस ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद को भी आरोपी बनाया और जेल भी भेजा है। आरोपियों के खिलाफ महामारी अधिनियम की धारा 144 के उल्लंघन, फॉरनर्स एक्ट और वीजा उल्लंघन की धाराओं में दर्ज मुकदमे में चार्ज शीट दाखिल की गई है। गौरतलब है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद को जेल भेजे जाने के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने 24 अप्रैल को उन्हें सस्पेंड कर दिया था।
21 अप्रैल को हुआ सस्पेंशन
रजिस्ट्रार प्रो एन के शुक्ला की ओर से जारी किए गए आदेश में 21 अप्रैल से ही सस्पेंशन को प्रभावी बताया गया है। वहीं इलाहाबाद विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर आर आर तिवारी ने प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद के जेल जाने के बाद 27 अप्रैल को पांच प्रोफेसरों की एक कमेटी गठित कर पूरे मामले की जांच सौंप दी है। जांच रिपोर्ट कार्य परिषद की बैठक में रखी जायेगी। जिस रिपोर्ट के आधार पर प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद के निलंबन के बाद आगे की कार्रवाई अमल में लायी जायेगी।
Published on:
11 May 2020 01:46 pm
बड़ी खबरें
View Allप्रयागराज
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
