24 घंटे में गंगा का जलस्तर एक मीटर बढ़ गया है। हालांकि चेतावनी बिंदु 113 मीटर है, जिससे अभी गंगा 2.26 मीटर नीचे है, लेकिन जलस्तर की तेजी ने प्रशासन और सिंचाई विभाग को सतर्क कर दिया है।
उत्तर प्रदेश में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है जिससे बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। सिर्फ 24 घंटे में गंगा का जलस्तर एक मीटर बढ़ गया है। 3 जुलाई को शुक्लागंज में गंगा का जलस्तर 109.74 मीटर था, जो 4 जुलाई को बढ़कर 110.74 मीटर पहुंच गया है।
हालांकि चेतावनी बिंदु 113 मीटर है, जिससे अभी गंगा 2.26 मीटर नीचे है, लेकिन जलस्तर की तेजी ने प्रशासन और सिंचाई विभाग को सतर्क कर दिया है। हालात को देखते हुए सिंचाई विभाग ने सभी 30 गेट खोल दिए हैं। तेजी से बढ़ते जलस्तर के कारण गंगा का पानी घाटों तक पहुंच गया है।
नाव चलाने पर रोक के बावजूद अटल घाट और परमट घाट पर नावें चल रही हैं। इसे देखते हुए प्रशासन ने सतर्कता और सख्ती बढ़ा दी है। जिलाधिकारी ने गंगा किनारे बसे गांवों के लिए विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। इस बीच, सिंचाई विभाग ने प्रशासन को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि जब तक जलस्तर स्थिर नहीं होता, तब तक गंगा में नाव चलाने पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए। बोट क्लब में 15 अक्टूबर तक नौकायन बंद कर दिया गया है, लेकिन अन्य घाटों पर चोरी-छिपे नावें चलाई जा रही हैं।
प्रशासन ने नाव संचालन को लेकर कुछ सख्त निर्देश जारी किए हैं। धारा के बीच से नाव पार ले जाने पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। नाव पर सेल्फी लेना मना है और नावों का नगर पंचायत में पंजीकरण अनिवार्य होगा, लाइफ जैकेट के बिना किसी को बैठाना मना है, घाटों पर पीए सिस्टम से लगातार चेतावनी दी जाए और सभी नाविकों और घाट अध्यक्षों की सूची बनाई जाए।