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काशी में गंगा का रौद्र रूप, 12 घंटे में 65 सेमी बढ़ा जलस्तर, कई घाटों का संपर्क टूटा

पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश, सहायक नदियों का उफान और बैराज से छोड़े गए पानी के कारण प्रयागराज से बलिया तक गंगा की धारा में जोरदार बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

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कई घाटों का संपर्क टूटा

कई घाटों का संपर्क टूटा

वाराणसी में गंगा का जलस्तर लगातार तेजी से बढ़ रहा है, जिससे घाटों पर अफरा-तफरी मच गई है। पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश, सहायक नदियों का उफान और बैराज से छोड़े गए पानी के कारण प्रयागराज से बलिया तक गंगा की धारा में जोरदार बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

24 घंटे में 1.37 मीटर बढ़ा जलस्तर

मंगलवार सुबह 8 बजे गंगा का जलस्तर 63.13 मीटर था, जो बुधवार सुबह तक 72 सेमी बढ़कर 63.85 मीटर हो गया। इसके बाद जलस्तर में बढ़ोतरी की रफ्तार दोगुनी हो गई और अगले 12 घंटे में यानी शाम 8 बजे तक यह 65 सेमी और बढ़कर 64.50 मीटर तक पहुंच गया।

घाटों पर डूबने लगीं सीढ़ियां, आरती स्थल बदला गया

जलस्तर में अचानक आई तेजी के कारण घाटों की सीढ़ियां एक-एक कर डूबने लगीं और दोपहर तक सभी घाटों के बीच संपर्क टूट गया। लहराता पानी गंगा सेवा निधि के कार्यालय तक पहुंच गया, जिसके चलते लगातार दूसरे दिन विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती स्थल को बदलना पड़ा। बुधवार शाम आरती को निर्धारित स्थान से 30 फीट पीछे हटाकर कराया गया।

घाटों के मंदिर डूबे, श्मशान घाटों पर संकट

घाट किनारे के कई मंदिर पूरी तरह डूब गए हैं, जबकि ऊपर बने मंदिरों में भी पानी घुस गया है। श्मशान घाटों पर शवदाह एक बड़ी चुनौती बन गया है। हरिश्चंद्र घाट पर गलियों में और मणिकर्णिका घाट पर अब छतों पर शवदाह किया जा रहा है।

लकड़ियों का स्टॉक हटाने लगे दुकानदार

मणिकर्णिका घाट पर बढ़ते जलस्तर को देखते हुए दुकानदारों ने लकड़ियों का स्टॉक हटाना शुरू कर दिया है। वहां पहले से ही चल रहे निर्माण के चलते तीन प्लेटफॉर्म हटाए जा चुके थे, जिससे जगह की कमी हो गई है। अब पानी और बढ़ने की आशंका के चलते शवदाह कार्य गलियों में कराए जाने की संभावना जताई जा रही है।


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