शादी के मंडप में उस वक्त हंगामा मच गया जब दूल्हे ने दुल्हन को देखकर शादी से इंकार कर दिया। परिवार और रिश्तेदारों ने काफी समझाने की कोशिश की, लेकिन दूल्हा मानने को तैयार नहीं हुआ।
शादी के मंडप में उस वक्त हंगामा मच गया जब दूल्हे ने दुल्हन को देखकर शादी से इंकार कर दिया। परिवार और रिश्तेदारों ने काफी समझाने की कोशिश की, लेकिन दूल्हा मानने को तैयार नहीं हुआ। घंटों चली पंचायत के बाद भी कोई हल नहीं निकला और आखिरकार बारात बिना दुल्हन के वापस लौट गई। सात जन्मों का बंधन बनने से पहले ही टूट गया।
संयुक्त परिवारों के टूटने, बुजुर्गों के सम्मान में कमी और जिम्मेदारी के भाव में गिरावट की एक मिसाल गुरुवार रात मऊआइमा में देखने को मिली। प्रतापगढ़ से आई बारात खुशी-खुशी डीजे की धुन पर नाचते हुए पहुंची। वधू पक्ष ने पारंपरिक तरीके से स्वागत किया और बारातियों को नाश्ता-भोजन भी कराया। सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन जैसे ही देर रात शादी की रस्में शुरू हुईं, माहौल अचानक बिगड़ गया और बारात बिना दुल्हन के वापस लौट गई।
सांवली दुल्हन को देखकर दूल्हा अचानक शादी से मुकर गया। जैसे ही रस्में शुरू होने वाली थीं, उसने शादी से इनकार कर दिया। दोनों परिवारों में काफी बहस हुई और पंचायत भी बैठी, लेकिन दूल्हा अपनी बात पर अड़ा रहा। हालात बिगड़ते देख कुछ बाराती पहले ही लौट गए। बड़े-बुजुर्गों ने समझाने की कोशिश की, लेकिन जब कोई हल नहीं निकला तो दोनों पक्षों ने रिश्ता खत्म करने का फैसला कर लिया।
दूल्हे के परिवार का कहना था कि जब लड़की दिखाई गई थी, तब उसने इतना मेकअप किया हुआ था कि वह गोरी लग रही थी। यह घटना शुक्रवार को पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी रही। लोगों ने वधू पक्ष को थाने में शिकायत करने की सलाह दी, लेकिन समाज की इज्जत को देखते हुए उन्होंने चुप रहना ही बेहतर समझा।
गांव में यह भी चर्चा थी कि दूल्हा पहले से किसी और लड़की से शादी करना चाहता था। परिजनों के दबाव में वह इस रिश्ते के लिए तैयार हुआ था, इसलिए मंडप में आकर उसने जानबूझकर रंग को मुद्दा बनाकर शादी से इंकार कर दिया।