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माफिया मुख्तार अंसारी के सहयोगी पर भी शिकंजा, 2.03 करोड़ की छह प्रॉपर्टी जब्त

यूपी में माफियाओं और उनके सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी है। अतीक अहमद के बाद अब मुख्तार अंसारी का साथ देने वालों पर बड़े एक्शन की तैयारी है।

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ED ACTION: माफिया से राजनेता बने मुख्तार अंसारी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई अब उनके करीबी सहयोगियों पर भी तेज हो गई है। मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े मामले में, ED ने मुख्तार अंसारी के सहयोगी शादाब अहमद और उनकी पत्नी के नाम पर दर्ज ₹2.03 करोड़ की छह और अचल संपत्तियों को जब्त कर लिया है। ED की टीम अंसारी के पूरे अवैध आर्थिक साम्राज्य की जांच को आगे बढ़ा रही है।

अपराध से कमाए धन और धोखाधड़ी

मुख्तार अंसारी और अन्य के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच से यह खुलासा हुआ कि शादाब अहमद ने भी अपराध से अर्जित धन प्राप्त किया है। उसने मुख्तार अंसारी की फर्म मेसर्स विकास कंस्ट्रक्शन गाजीपुर के जरिए धोखाधड़ी की ।

शारजाह से गिरफ्तारी और न्यायिक हिरासत

जांच के दौरान, ईडी को अक्टूबर 2025 में एक बड़ी सफलता मिली, जब लुकआउट सर्कुलर के आधार पर शादाब अहमद को शारजाह से लखनऊ पहुंचने पर हवाई अड्डे पर हिरासत में ले लिया गया था। इसके बाद लखनऊ के विशेष न्यायाधीश (पीएमएलए/ सीबीआई) ने अदालत से जारी गैर-जमानती वारंट के संबंध में उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

ईडी की प्रयागराज टीम ने शादाब अहमद को हिरासत में लेकर पूछताछ की, जिसके बाद इन अवैध अचल संपत्तियों का पता चला, जिन्हें अब अटैच (कुर्क) कर लिया गया है।

सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा और FCI को किराए पर गोदाम

यह भी कहा गया है कि ईडी ने पुलिस थाने में दर्ज दो एफआईआर के आधार पर अपनी जांच शुरू की थी, जो दक्षिण टोला मऊ और नंदगंज पुलिस स्टेशन गाजीपुर में दर्ज थे। जांच में सामने आया कि विकास कंस्ट्रक्शन कंपनी ने कथित तौर पर मऊ के रैनी गांव में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किया और वहाँ एक अवैध गोदाम का निर्माण किया। गाजीपुर में भी एक और अवैध निर्माण किया गया। इन अवैध रूप से निर्मित गोदामों को भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को पट्टे पर दे दिया गया, जिससे किराये की आय और नाबार्ड सब्सिडी के माध्यम से अपराध से प्राप्त धन (पीओसी) अर्जित किया गया।
ईडी ने अब तक कुल पहचाने गए पीओसी की राशि लगभग 27.72 करोड़ होने का अनुमान लगाया है।