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Mahakumbh 2025: AI की मदद से विदेशी श्रद्धालुओं से बात करेगी पुलिस, जानें क्या है तैयारी 

Mahakumbh 2025 को लेकर उत्तर प्रदेश की सरकार तैयारियों में लग गई है। इस बार श्रद्धालुओं को विशेष सुविधा मिलने वाली है। आइये बताते हैं क्या है इस बार के महाकुंभ में विशेष  

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Mahakumbh 2025

Mahakumbh 2025

Mahakumbh 2025 मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत महाकुंभ 2025 का आयोजन प्रयागराज में होने जा रहा है। महाकुंभ 2025 के आयोजन और संचालन के लिए योगी सरकार और यूपी पुलिस पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। सीएम योगी की मंशा के मुताबिक इस महाकुंभ में यूपी पुलिस मानवता की अनूठी मिसाल पेश करेगी। इस उद्देश्य से यूपी पुलिस ने प्रयागराज के परेड ग्राउंड में संकल्प प्रशिक्षण पंडाल में ट्रेनिंग कार्यक्रम शुरू कर दिया है।

श्रद्धालुओं के प्रति विनम्र व्यवहार

"सुरक्षा आपकी-संकल्प हमारा" के ध्येय के साथ-साथ यूपी पुलिस का पूरा ध्यान महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की हर संभव मदद और उनके प्रति विनम्र व्यवहार करने पर है। ताकि श्रद्धालु महाकुंभ से लौट कर अपने साथ पुण्य और सुखद अनुभव ही लेकर जाएं। उल्लेखनीय है कि दिसंबर तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले चरण में 21 दिनों तक दो बैच में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।

Mahakumbh 2025 में शामिल होंगे 40 लाख लोग

विश्व में मानवों के सबसे बड़े समागम महाकुंभ 2025 में लगभग 40 लाख लोगों के आने का अनुमान है। मुख्य स्नान पर्व मौनी अमावस्या के दिन श्रद्धालु संगम में पवित्र डुबकी लगाएंगे। इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं, साधुओं, संन्यासियों और पर्यटकों की सुरक्षा और व्यवस्था का जिम्मा यूपी पुलिस के हाथ में है।

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एसएसपी कुंभ ने क्या कहा ?

एसएसपी कुंभ राजेश द्ववेदी ने बताया कि सीएम योगी की आशाओं के मुताबिक यूपी पुलिस इस महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के साथ-साथ उनके प्रति विनम्र व्यवहार पर विशेष जोर दे रही है। इसके चलते प्रयागराज में 16 अक्टूबर से चल रहे पुलिस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सुरक्षा उपायों के साथ-साथ विशेष बल सॉफ्ट स्किल और जेंडर सेंसटाइजेशन पर दिया जा रहा है। सॉफ्ट स्किल के तहत पुलिस कर्मियों को श्रद्धालुओं से बातचीत करने, उनकी मदद करने, पार्किंग, यतायात के साधन व मेले के सही रूट और ठहरने के स्थान बताने की जानकारी दी जा रही है। इसके साथ ही मेले में आने वाले साधु, संन्यासियों के प्रति कैसा व्यवहार करना है, ये भी बताया जा रहा है।

AI का होगा इस्तेमाल 

उन्होंने बताया कि विदेशी पर्यटकों और देश के कोने-कोने से आने वालों से उनकी भाषा में बात कर मदद करने के लिए एआई टेक्नॉलाजी की मदद लेने का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके लिए भाषीनि ऐप भी बनाया गया है, जो कई भाषाओं का अनुवाद करने में सक्षम है। साथ ही पुलिसकर्मियों को चैटबॉट की भी जानकारी दी जा रही है, ताकि मेले में श्रद्धालुओं की हर संभव मदद की जा सके। अंत प्रशिक्षण कार्यक्रम में सबसे ज्यादा जोर जेंडर सेंसटाइजेशन पर है।

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पुलिस को दिया जा रहा प्रशिक्षण 

एसएसपी कुंभ ने बताया कि महाकुंभ में करोड़ों की संख्या में आने वाली महिला श्रद्धालुओं की मदद के लिए हर जगह महिला पुलिस तैनात करना संभव नहीं है। इसलिए, पुरूष पुलिस कर्मियों को भी महिलाओं के प्रति संवेदनशील व्यवहार करने और मदद करने को प्रशिक्षित किया जा रहा है। साथ ही जल पुलिस, एडीआरफ व एसडीआरफ के सैनिकों को विशेष कर कल्पवासियों और स्नार्थियों की स्नान के दौरान सुरक्षा और डूबने से बचाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। जल पुलिस मेले में नावों के संचालन व सुरक्षा मानकों का पूरा ध्यान रखेगी। ट्रैफिक और सिविल पुलिस श्रद्धालुओं के स्नान घाटों तक पहुंचने व सुरक्षित वापसी को सुनिश्चित करेंगे। महाकुंभ 2025 में यूपी पुलिस का ध्येय सीएम योगी के दिव्य भव्य सुरक्षित महाकुंभ के संकल्प को पूरा करना है।