
Mahakumbh Stampede: महाकुंभ मेले में भगदड़ हादसे में 30 लोगों की मौत हो गई, जिसके बाद जिले में कई बड़े बदलाव किए गए हैं। प्रशासन ने VVIP एंट्री पर रोक लगा दी और मेले क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया है। वहीं, सीएम योगी ने अब महाकुंभ की कमान अपने दो भरोसेमंद अफसरों को सौंपी है। इनके नाम IAS आशीष गोयल और भानु चंद्र गोस्वामी हैं।
2019 के कुंभ मेले की जिम्मेदारी इन्हीं दोनों अधिकारियों के पास थी। अर्धकुंभ 2019 में विजय किरण आनंद के साथ मिलकर इन्होंने संपूर्ण व्यवस्थाएं संभाली थीं। उस समय भानु गोस्वामी प्रयागराज के डीएम और प्राधिकरण के वाइस चेयरमैन थे, जबकि आशीष गोयल इलाहाबाद के कमिश्नर और अर्धकुंभ मेले के प्रभारी थे। इसके अलावा, पांच अन्य विशेष सचिव रैंक के अधिकारियों को भी कुंभ में तैनात किया गया है, जिनके पास प्रयागराज में कुंभ को मैनेज करने का अनुभव रहा है।
आशीष गोयल 1995 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और उनका जन्म 12 फरवरी 1973 को उत्तर प्रदेश के बिजनौर में हुआ था। उन्होंने बीटेक (इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग), एमए (अर्थशास्त्र) और पीएचडी की डिग्री प्राप्त की है। जॉइंट मजिस्ट्रेट से लेकर यूपीपीसीएल के चेयरमैन तक, उनके पास प्रशासनिक सेवा का करीब 30 साल का अनुभव है।
वह मार्च 2007 से अप्रैल 2008 तक प्रयागराज के जिलाधिकारी और 2019 से 2020 तक मंडलायुक्त रहे। प्रयागराज कुंभ 2019 के दौरान, जब लगभग 20 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे थे, गोयल के मार्गदर्शन में ही कुंभ का सफल आयोजन हुआ था। इसके अलावा, वह बरेली, आगरा, चित्रकूट, मुजफ्फरनगर, हाथरस और कानपुर देहात में भी जिलाधिकारी के रूप में सेवाएं दे चुके हैं।
भानु चंद्र गोस्वामी 2009 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और रांची के रहने वाले हैं। उनके पास श्रावस्ती, जौनपुर, प्रयागराज और आगरा के जिलाधिकारी के रूप में काम करने का लंबा अनुभव है। मई 2017 से जून 2020 तक वह प्रयागराज विकास प्राधिकरण के वीसी और प्रयागराज के जिलाधिकारी रहे। 2019 के कुंभ के दौरान, जब तत्कालीन जिलाधिकारी सुहास एल.वाई को हटाया गया, तब 20 फरवरी 2019 को गोस्वामी को प्रयागराज का जिलाधिकारी बनाया गया।
इसके साथ ही, पीडीए वीसी के रूप में भी उन्होंने कुंभ की व्यवस्थाओं को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। 2024 में यूपी में बाढ़ और अतिवृष्टि से बिगड़ी स्थिति को संभालने के लिए सरकार ने उन्हें आगरा के मंडलायुक्त पद से हटाकर राहत आयुक्त नियुक्त किया, जहां उन्होंने तत्काल राहत व्यवस्था को नियंत्रित किया। गोस्वामी ने 2009 में सिविल सेवा परीक्षा में 33वीं रैंक हासिल की थी और उन्होंने संस्कृत (ऑनर्स) से ग्रेजुएशन किया है। उनकी पहली नियुक्ति आगरा में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के रूप में हुई थी।
Updated on:
30 Jan 2025 06:10 pm
Published on:
30 Jan 2025 03:27 pm
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