
प्रयागराज में माघ मेला लगा हुआ है। कल यानी 21 जनवरी को मौनी अमावस्या है। कल तीसरा सबसे बड़ा स्नान है। पवित्र नदियों में मौनी अमावस्या पर स्नान करने से व्यक्ति के दोष खत्म होने की मान्यता है। हिंदू धर्म में गंगा स्नान को सबसे पवित्र स्नान माना गया है। गंगा और दूसरे नदियों के स्नान की पवित्रता का संबंध समुद्र मंथन से जुड़ा हुआ है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन शुभ मुहुर्त में स्नान करने से परलोक में स्थान प्राप्त होता। इस दिन व्रत, तर्पण और दान करने से रुके हुए काम पूरे हो जाते हैं।
20 साल बाद ऐसा संयोग
ज्योतिषियों के मुताबिक, करीब 20 साल बाद मौनी अमावस्या शनिवार के दिन पड़ रही है। इसके साथ ही मौनी शनिचरी अमावस्या के दिन शनि देव 30 साल बाद अपनी राशि कुंभ में जाएंगे। शनिवार को पड़ने वाली अमावस्या को शनिश्चरी अमावस्या कहा जाता है। मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखने की भी मान्यता है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मौन व्रत रख तर्पण और दान करने वाले व्यक्ति को पितृदोष, कालसर्प दोष के साथ शनि दोष से भी मुक्ति मिलती है।
मौनी अमावस्या का मुहुर्त
पंचाग के अनुसार माघ महीने की अमावस्या तिथि 21 जनवरी 2023 शनिवार को सुबह 06 बजकर 17 मिनट से शुरू होगी और 22 जनवरी 2023 को सुबह 02 बजकर 22 मिनट तक रहेगी। उदयातिथि के अनुसार मौनी अमावस्या 21 जनवरी 2023 को है।
इन चीजों का करें दान
1. सरसों का तेल किसी पात्र में लेकर उसमें अपना चेहरा देखने के बाद इसका दान करें। ऐसा करने से व्यक्ति के सभी कष्ट खत्म होने की मान्यता है।
2. मौनी अमावस्या पर पीपल के पेड़ पर जल में काला तिल मिलाकर चढ़ाएं। साथ ही काले तिल दान करें।
3. शनि की कृपा का पात्र बनने के लिए सरसों का तेल, उड़द की दाल, कंबल, लोहा का दान करें। ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है। धन की कमी नहीं रहती।
Published on:
21 Jan 2023 08:03 am
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