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फर्जी मुकदमों में फंसे थे 24 नवचयनित सिपाही, डीएम ने समय रहते बचाई उनकी नौकरी

प्रयागराज डीएम रविंद्र कुमार मांदड़ की गंभीरता और तत्परता ने उन 24 युवाओं की नौकरी बचाई, जो अभी हाल में ही पुलिस भर्ती में कांस्टेबल पद पर चयनित हुए थे और इनके खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज थे।

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Prayagraj news: युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले फर्जी मुकदमों की वजह से 24 नवचयनित पुलिस अभ्यर्थियों की नौकरी पर संकट मंडरा गया था, लेकिन जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ की तत्परता ने उन्हें राहत दिला दी। बुधवार को इन अभ्यर्थियों ने डीएम कार्यालय पहुंचकर जब अपनी आपबीती सुनाई, तो प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। डीएम ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल आवश्यक कदम उठाए और सभी युवाओं की नौकरी बचाने का काम किया।

चेहरे पर चिंता, दिल में उम्मीद लेकर पहुंचे डीएम के पास

बुधवार दोपहर जिलाधिकारी रविंद्र कुमार जनता दर्शन कार्यक्रम में फरियादियों की शिकायतें सुन रहे थे। इसी दौरान 24 युवा चेहरे पर चिंता की लकीरें लिए उनके समक्ष पहुंचे। युवाओं ने बताया कि हाल ही में वे उत्तर प्रदेश पुलिस में चयनित हुए हैं, लेकिन उनके खिलाफ पुराने फर्जी मुकदमों के कारण नियुक्ति पर रोक लग सकती है।

कुछ युवाओं ने बताया कि उन्हें काफी समय बाद यह जानकारी हुई कि उनके खिलाफ झूठे मामलों में एफआईआर दर्ज है, जिनसे उनका कोई लेना-देना नहीं था। उन्होंने डीएम को सबूतों के साथ बताया कि कैसे कुछ स्थानीय लोगों ने निजी रंजिश में उनके नाम गलत तरीके से दर्ज कराए थे।

डीएम की तत्परता से बदली तस्वीर

मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएम ने तुरंत शासकीय अधिवक्ता को बुलाया और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क किया। कलेक्ट्रेट में विशेष स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई और सभी युवाओं की व्यक्तिगत फाइलें तत्काल निकलवाई गईं।

गहन जांच के बाद सामने आया कि सभी 24 अभ्यर्थियों के खिलाफ दर्ज मुकदमों में पुलिस ने पहले ही फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी। इसके बावजूद दस्तावेज़ी प्रक्रिया पूरी न होने के कारण इनकी नियुक्ति अटकी हुई थी।

अंतिम समय पर मिली राहत

डीएम ने न केवल सभी फाइलों की समीक्षा कराई, बल्कि सभी मामलों को स्थायी रूप से समाप्त कराने का आदेश भी जारी कर दिया। तत्पश्चात, सभी आवश्यक दस्तावेज तत्काल पुलिस मुख्यालय भेजे गए, ताकि शाम तक इन युवाओं को ट्रेनिंग के लिए रवाना किया जा सके।

युवाओं ने जताया आभार

अपनी नौकरी बचने के बाद युवाओं की आंखों में राहत और खुशी दोनों थी। उन्होंने डीएम रविंद्र कुमार मांदड़ का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यदि वे समय पर सुनवाई न करते, तो उनका भविष्य अंधकार में चला जाता।