यूपी के प्रयागराज जिले में शासन की योजनाओं को धरातल पर सही रूप देने को लेकर डीएम रविंद्र कुमार मांदड़ ने अब सख्त रुख कर लिया है। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कार्य में गंभीरता लाने के कड़े निर्देश दिए हैं।
Prayagraj: जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार मांदड़ की अध्यक्षता में सोमवार को संगम सभागार में मुख्यमंत्री डैशबोर्ड, आईजीआरएस पोर्टल और विकास कार्यक्रमों की गहन समीक्षा को लेकर छह घंटे तक चली बैठक में प्रशासन की कार्यशैली पर सख्त रुख देखने को मिला। बैठक में जिलाधिकारी ने साफ शब्दों में कहा कि “जनकल्याणकारी योजनाओं और शिकायत निस्तारण में किसी भी प्रकार की लापरवाही या उदासीनता अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
आईजीआरएस प्रकरणों में लापरवाही पर सख्त कार्रवाई
जिलाधिकारी ने आईजीआरएस पोर्टल पर दर्ज शिकायतों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि सभी अधिकारी स्वयं अपने हस्ताक्षर से ही आख्या अपलोड करें, नामित अधिकारी के हस्ताक्षर से अपलोड की गई रिपोर्ट मान्य नहीं होगी।
जिन खंड विकास अधिकारियों ने अपने हस्ताक्षर से आख्या प्रस्तुत नहीं की, उनके एक माह का वेतन रोकने के निर्देश दिए गए।
साथ ही उपजिलाधिकारी सोरांव, फूलपुर, कोरांव, आबकारी अधिकारी, और मार्केटिंग ऑफिसर के खिलाफ डिफाल्टर पाए जाने पर प्रत्येक पर 11,000 का आर्थिक दंड लगाया गया है। खंड विकास अधिकारी माण्डा के सभी आठ प्रकरणों में निगेटिव फीडबैक मिलने पर उनके के विरुद्ध भी 11,000 रुपए का जुर्माना लगाया गया है, जिसे रेडक्रॉस सोसायटी में जमा करने का आदेश दिया गया।
जिलाधिकारी ने चेतावनी दी कि आगामी समीक्षा में डिफाल्टर पाए जाने पर 21,000 रुपए का दंड लगाया जाएगा।
अवस्थापना व योजनाओं में सुधार का अल्टीमेटम
अवस्थापना व औद्योगिक विकास विभाग की बी श्रेणी रैंकिंग पर नाराजगी जताते हुए जिलाधिकारी ने एमओयू की अनावश्यक प्रविष्टियां हटाकर रैंकिंग सुधारने के निर्देश दिए।
डिजिशक्ति योजना के अंतर्गत 20 जुलाई तक सभी पात्रों को डिजिटल डिवाइस वितरित करने को कहा गया।
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना सहायता योजना में प्राप्त आवेदनों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
अन्य प्रमुख निर्देश एवं कार्यवाहियां
मण्डी में सफाई, जलभराव से निपटने और सभी नालों की सफाई के निर्देश।
स्वरूपरानी अस्पताल के पास बिना लाइसेंस मेडिकल दुकानों पर रोक लगाने का निर्देश।
सभी उपजिलाधिकारियों को राशन मॉडल शॉप के लिए 17 जुलाई तक भूमि चिन्हित करने को कहा गया।
भूतत्व व खनिकर्म विभाग को 23.23 लाख रुपये की वसूली शीघ्र पूरी करने का निर्देश।
राजस्व विभाग के धारा-80, 98 और 38(2) के सभी लंबित प्रकरणों को 20 जुलाई तक निस्तारित कर ए श्रेणी में लाने को कहा गया।
अभिलेख त्रुटि सुधार में डी श्रेणी प्रदर्शन पर गहरी नाराजगी व्यक्त की गई।
बेनामों में जमीन की अधिक रजिस्ट्री पर रोक लगाने और नई SOP लागू करने का निर्देश।
विकास कार्यक्रमों की समीक्षा में निर्देश
पीएम सूर्यघर योजना में शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति पर जोर।
सभी खंड विकास अधिकारियों को फैमिली आईडी कार्ड का कार्य 25 जुलाई तक पूर्ण करने को कहा गया।
सीएम डैशबोर्ड पर 25 तारीख तक अद्यतन और त्रुटिरहित डेटा फीडिंग सुनिश्चित करने को कहा।
गौशालाओं, स्कूलों और पर्यटन पर भी स्पष्ट निर्देश
बरसात को देखते हुए गौशालाओं में भूसा, चारा, पानी और साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करने का आदेश।
जर्जर भवनों में आंगनबाड़ी व विद्यालयों का संचालन तत्काल रोके जाने के निर्देश।
फलाहारी बाबा के आश्रम में धार्मिक पर्यटन स्थलों का सौंदर्यीकरण और मजबूतीकरण कार्य कराने को कहा गया।
खेल, शिक्षा और परिवहन क्षेत्र में भूमि चिन्हांकन के निर्देश
ग्रामीण स्टेडियम और ओपन जिम के लिए 5 एकड़ भूमि चिन्हित कर रिपोर्ट देने को कहा।
अभ्युदय स्कूल और ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर के लिए भी भूमि चिह्नित कर जल्द उपलब्ध कराने के निर्देश।
सड़क और सुरक्षा व्यवस्था पर सख्त आदेश
पीडब्ल्यूडी, नगर निगम, सिंचाई और विकास प्राधिकरण को सड़कों की मरम्मत व सीवर कार्य स्थलों पर सुरक्षा बैरिकेडिंग करने का आदेश।
निम्न प्रदर्शन पर चेतावनी
जिन विभागों और अधिकारियों का प्रदर्शन बी, सी और डी श्रेणी में है, उन्हें चेतावनी दी गई है कि अगली समीक्षा में ए या ए+ श्रेणी में प्रदर्शन न होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक में मुख्य विकास अधिकारी हर्षिका सिंह, सभी अपर जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी, खंड विकास अधिकारी सहित सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
इस बैठक में जिलाधिकारी ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि जनहित से जुड़ी योजनाओं, शिकायतों के निस्तारण और विकास कार्यों में किसी भी स्तर पर कोताही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। लक्ष्य है – समयबद्ध, पारदर्शी और प्रभावी प्रशासन।