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कफ सिरप मामले में बड़ी कार्रवाई, गाजियाबाद के बाद अब प्रयागराज में एफआईआर, रिकॉर्ड गायब होने पर फर्म का लाइसेंस रद्द

कफ सिरप मामले में कार्रवाई का दायरा बढ़ रहा है। गाजियाबाद में कफ सिरप की लाखों शीशियों की अवैध खरीद-बिक्री के तार प्रयागराज से जुड़ गए हैं। मामले में प्रयागराज में भी एफआईआर और लाइसेंस रद्द की कार्रवाई की गई है।

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Cough Syrup News: उत्तर प्रदेश में नशीली दवाओं के रूप में इस्तेमाल होने वाले कफ सिरप के अवैध कारोबार पर प्रशासन का शिकंजा कसता जा रहा है। गाजियाबाद में करोड़ों की हेराफेरी पकड़े जाने के बाद अब प्रयागराज में भी बड़ी कार्रवाई हुई है। कफ सिरप की खरीद-बिक्री का रिकॉर्ड न देने पर फर्म संचालक संस्कार वर्मा के खिलाफ अतरसुइया थाने में एफआईआर दर्ज की गई है और उनकी फर्म का लाइसेंस भी निरस्त कर दिया गया है।

क्या है पूरा मामला?

गाजियाबाद में औषधि विभाग की जांच के दौरान कफ सिरप की 100 एमएल की 1,27,650 शीशियों की खरीद में गड़बड़ी पाई गई थी। जांच में पता चला कि कई बिल संस्कार वर्मा की फर्म के नाम पर जारी किए गए थे। गाजियाबाद में मामला दर्ज होने के बाद प्रयागराज औषधि विभाग की टीम सक्रिय हुई।

जांच में क्या मिला?

औषधि निरीक्षक संतोष कुमार पटेल के नेतृत्व में टीम ने 11 नवंबर को प्रयागराज स्थित फर्म के कार्यालय की जांच शुरू की थी। जांच के दौरान जब टीम बलुआघाट के निकट उदितगंज स्थित संचालक के घर और कार्यालय पहुंची, तो वहां ताला लटका मिला। विभाग ने संचालक को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा था, लेकिन फर्म की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया। इतनी भारी मात्रा में कफ सिरप कहां बेचा गया, इसका कोई भी लेखा-जोखा विभाग को नहीं मिला। गाजियाबाद में दर्ज मामले के आधार पर जांच की गई थी। जवाब न मिलने और लापरवाही बरतने पर 20 दिसंबर को अतरसुइया थाने में FIR दर्ज कराई गई है। फर्म का लाइसेंस भी रद्द कर दिया गया है।

इन कंपनियों के खिलाफ भी कार्रवाई हुई है

दो फर्म संचालकों पर ऐसे ही कफ सीरप का स्टाक छिपाने मामले में दो स्थानीय थानो में एफआइआर दर्ज कराई गई थी। एयरपोर्ट थाने में 29 नवंबर को मेसर्स एमके हेल्थकेयर के संचालक मोहम्मद सैफ और थाना पूरामुफ्ती में मेसर्स आशुतोष फार्मा के संचालक आशुतोष पटेल के खिलाफ एफआइआर कराई थी। प्रतापगढ़ में एक की हो चुकी है।

प्रतापगढ़ में भी एक्शन, एक आरोपी गिरफ्तार

प्रतापगढ़ में अब तक कोडीन युक्त कफ सीरप का स्टाक छिपाने, बिना बताए दुकान बंद करने व दूसरी जगह संचालित करने के दो केस दर्ज हुए हैं। महेशगंज में दर्ज केस में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने मेसर्स महादेव फार्मा के प्रोपराइटर आयुष प्रताप को नामजद किया है। इसके पहले कोतवाली देहात में मनोज कुमार सिंह चौहानपुर खरसारा मोतिगरपुर सुलतानपुर पर केस दर्ज हुआ था। मनोज को तीन दिन पहले पकड़ा जा चुका है।