प्रयागराज

गंगा में डूबकी लगाने के बाद छोटा सिक्का हो रहा खोटा तो राजस्थान में बड़ा सिक्का

भारतीय मुद्रा का अपमान देख रहे आला अधिकारी

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गंगा में डूबकी लगाने के बाद छोटा सिक्का हो रहा खोटा तो राजस्थान में बड़ा सिक्का

धर्मेन्द्र यादव
प्रयागराज। भारतीय मुद्रा का चलन प्रदेशों में मनमर्जी से रुकने लगा है। खासकर सिक्कों को। इन दिनों कुम्भ में पूरे देश से लाखों भक्त रोजाना पहुंच रहे हैं। गंगा नदी में एक से लेकर 10 रुपए तक के सिक्के चढ़ाकर आर्शीवाद मांग रहे हैं। खास बात यह है कि गंगा नदी से बाहर आते ही एक रुपए का छोटा सिक्का खोटा हो जाता है। मतलब कुम्भ में चलता नहीं है। जबकि 10 रुपए का बड़ा सिक्का यहां पर धड़ल्ले से चल रहा है। लेकिन दस रुपए का सिक्का आधे से राजस्थान में दुकानदार व ग्राहक आपस में लेने से मना करते हैं। जो एक रुपए का छोटा सिक्का कुम्भ में नहीं चल पा रहा। वहीं सिक्का राजस्थान में दौड़ रहा है। एक तरह से राजस्थान सहित अन्य राज्यों से आने वाले भक्त गंगा नदी में एक रुपए का सिक्का डालते हैं। गंगा नदी से सिक्कों को चुम्बक के सहारे निकालने वाले भी लगे रहते हैं। जैसे ही किसी की चुम्बक से लगकर एक रुपए का छोटा सिक्का बाहर आता है वे उसे वापस गंगा में फेंक देते हैं। जिसके कारण गंगा व यमुना नदी के किनारों पर कई जगहों पर छोटे एक रुपए के सिक्के पड़े मिल जाते हैं।
रिजर्व बैंक के स्पष्ट आदेश सिक्के पूरी तरह चलन में
रिर्जव बैंक के साफ आदेश हैं कि सिक्के भारतीय मुद्रा हैं। कोई भी व्यक्ति या दुकानदार अपनी मनमर्जी से सिक्का लेने या देने से मना नहीं कर सकता। ऐसे करने पर उसके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जा सकती है। करीब एक साल पहले राजस्थान के अलवर, भरतपुर व धौलपुर सहित कुछ जिलों में दस रुपए का सिक्का लेन-देन से मना किया जाने लगा। शिकायत के बाद रिजर्व बैंक की गाइडलाइन के अनुसार अग्रणी बैंक प्रबंधकों ने बाजारों का दौरा किया। बोगस ग्राहक बनकर दुकानों पर गए। सिक्का नहीं लेने वाले दुकानदारों से समझाइश की। नहीं लेने वालों की पुलिस में शिकायत भी दी गई। जिसके बाद वापस दस रुपए का सिक्का लेना शुरू हुआ। बीच-बीच में फिर सिक्का लेन-देन कम हो जाता है।

बड़ा सिक्का चल रहा, छोटा नहीं
उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में एक रुपए का बड़ा सिक्का आसानी से लिया जा रहा है लेकिन छोटा सिक्का दुकानदार भी नहीं ले रहे हैं। जबकि गंगा नदी में एक दिन में ऐसे लाखों रुपए के सिक्के चढ़ाए जाते हैं। हालांकि बाबा-संत महात्माओं के पास फिर भी लोग चढ़ा देते हैं।
छोटा सिक्का मिलते ही परेशान
गंगा नदी के घाटों पर श्रद्धालु नहाते समय ज्यादातर सिक्का ही चढ़ाते हैं। पानी में जाने के बाद सैकड़ों लोग चुम्बक से सिक्कों को पकड़ते हैं। एक रुपए का छोटा सिक्का हाथ आने पर मायूसस हो जाते हैं। फिर उसे या तो नदी में वापस फेंक देते हैं या फिर बाहर डाल देते हैं। सिक्का पकडने वाले रविन्द व विनय ने बताया कि यहां छोटा सिक्का नहीं चलता जबकि एक रुपए का बड़ा सिक्का आसानी से चल रहा है।

Published on:
19 Feb 2019 08:18 pm
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