गांव की बेटी ने उस शहर में आकर सपने देखे और यूपी में कर गई टॉप...तोड़ा 28 साल का रिकॉर्ड
प्रसून पांडेय
इलाहाबाद. अम्बेडकर नगर के गांव से आकर भाइयों के साथ रहने वाली अंजली इंजिनियर बनना चाहती है। यह कहते हुए उसकी आखें चमक जाती है। कभी मां को देखती है। तो कभी भाइयों को कभी मिलने वाले अपनी ओर बुला रहे, तो कभी शिक्षक दूसरों से मिला रहे हैं। ऐसे समय में जब देश भर में नारी शक्ति बेटी पढ़ाओ के नारे बुलंद हो रहे हैं। तब अंजली ने गांव में रहने वाली हजारों बेटियों के मिशाल पेश कर दी है। उस शहर में अंजली ने आकर बड़े सपने देखे जहां उसका अपना घर भी नहीं है। मां के संस्कार और पिता की मेहनत और भाइयों की शोहबत आज बेटी की आंखों में दिखी।
यूपी बोर्ड के परिणाम ने उतनी ही ख़ुशी दी जितना लोगो में डर था। परिणाम आनेका उल्लास यूपी के हर कोने में रहा, लेकिन सबसे ज्यादा ख़ुशी इलाहबाद जिले को मिली जब 28 साल बाद किसी बेटी ने रिकॉर्ड बनाते हुए यूपी में परचम लहरा दिया। किसान पिता और शिक्षिका मां की बेटी ने सब को खुश कर दिया। एक तरफ जहां ख़ुशी से मां और भाई की आंखेें नम थी, तो वहीं स्कूल के शिक्षक और छात्रों ने हाथों हाथ ले लिया। जैसे ही परिणाम आया शिवकुटी के बीबीएस स्कूल में सैकड़ों की भीड़ एक जुट हो गई।
बीबीएस के प्रबंधक से लेकर शिक्षक कर्मचारी और छात्र मस्ती में झूम उठे। ढोल नगाड़े की थाप पर कोई खुद को थिरकने से नहीं रोक सका। साथ पढने वाले सहपाठी गले लगाकर अपनी खुशियां साझा करते दिखे। जब स्कूल की होनहार बेटी ने यूपी में पहले नंबर पर बाजी कर जितना परिवार खुश दिखा उतना ही उसके शिक्षक दी। सूबे में योगी सरकार की सख्त परीक्षा प्रणाली से जहां 11 लाख छात्रों ने परीक्षा छोड़ दी। वहीं बेटी ने टॉप करके एक बार फिर खुद को समाज और छात्रों के लिये मिशाल पेश किया है। कम प्रतिशत आने के बड़े.बड़े दावों को तोड़ते हुए 96.33 प्रतिशत पाने वाली अंजली वर्मा ने एक बार फिर सबको खुश होने का मौका दे दिया।
अंजली वर्मा किसान की बेटी है मां शिक्षिका हैं, लेकिन सबसे बड़ी बात की वह बेटी है और एक बार फिर साबित हो गया कि, बेटी कभी बेटों से कम नहीं होती है। इलाहाबाद में शिवकुटी गंगा के तट पर बना बीबीएस इस वक्त किसी समारोह की जैसा माहौल है हर कोई खुश है। मिठाईयां बांट रहा है, और गले से गले मिलकर बधाइयां दे रहा है। बीबीएस के प्रबंधक रंजीत सिंह की आंखें नम है, उन्होंने कहा कि, एक बार फिर मुझे गर्व है। मैं एक शिक्षक हूं मेरे यहां अंजलि ने शिक्षा ग्रहण की बता दें कि, बीते साल बीबीएस के दो टॉपर अंडर टेन में थे। लेकिन बीबीएस को पहली बार यूपी का टॉपर मिला है और जिले को 28 साल बाद यूपी की टॉपर मिली है।