
इलाहाबाद. छात्रों का इंतजार बस कुछ ही घंटों में खत्म होने वाला है। माध्यमिक शिक्षा परिषद का हाईस्कूल व इंटरमीडिएट का परीक्षा परिणाम आज यानी 29 अप्रैल घोषित किया जाएगा। जिसका सभी को बेसब्री से इंजतार था।
दरअसल, इंटरमीडिएट औऱ हाईस्कूल का परिणाम 12:30 बजे आने की सूचना है। इस बार नकल रोकने के लिए सख्ती का प्रयोग किया गया। सभी परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए। इसी कारण हाईस्कूल और बारहवीं की परीक्षा के लिए 66.37 लाख परीक्षार्थी पंजीकृत हुए थे, जिसमें से 11 लाख 17 हजार छात्रों ने बीच में ही परीक्षा छोड़ दी।
पिछले साल ऐसा रहा परिणाम
पिछली साल 2017 के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट दोनों ही परिणामों में ओवरऑल पासिंग प्रतिशत के मामले में मऊ जिला यूपी में श्रेष्ठ रहा। वहीं 2016 में हाईस्कूल में आजमगढ़ और इंटर में बस्ती जिले के छात्रों ने ने टॉप किया था। बता दें कि, 2017 में कुल 81.43 प्रतिशत छात्र पास हुए थे। माना जा रहा है कि, इस बार परिणाम का प्रतिशत कम हो सकता है।
देश भर की नजर एशिया के सबसे बड़े बोर्ड पर
एशिया के सबसे बड़े बोर्ड यानी यूपी बोर्ड के परिणाम पर देश भर की नजरे लगी हैं, क्योंकि यूपी बोर्ड की परीक्षा हर साल नकल को लेकर सुर्खियों में रहती रही है। प्रदेश सरकार लाख कोशिश करे लेकिन नकल माफिया नकल कराने से बाज नहीं आते। वहीं इस बार नकल रोकने को लेकर जो अपनाई गई सख्ती और कड़े नियमों के लिए यूपी बोर्ड चर्चा में है। इतने छात्रों के परीक्षा छोड़े जाने से रिकॉर्ड बन गया। हालांकि, इतनी जल्दी रिजल्ट घोषित किए जाने से भी यूपी बोर्ड चर्चा में हैं।
अब तक सबसे कम समय में घोषित हो रहा परिणाम
यूपी बोर्ड अपने पुराने सभी मानकों को तोड़ते हुए 2018 की बोर्ड परीक्षा में नए पैमाने स्थापित करने में लगा है। इसी के तहत हाईस्कूल व इंटरमीडिएट का परिणाम अब तक सबसे पहले आने जा रहा है। लगभग देखा गया है, कि मई जून के माह में रिजल्ट घोषित होता रहा है। इससे भी यह है कि, परीक्षा शुरू होने और परिणाम का अंतर कम करने में बोर्ड प्रशासन सफल रहा है जिसे आगामी सत्र में और कम करने का दावा है।
कब-कब हुई है परीक्षाएं
2015 में 19 फरवरी को परीक्षा शुरू हुई थी, दोनों का रिजल्ट एक साथ 17 मई को घोषित किया था। इसके बाद 2016 में परीक्षा 18 फरवरी से शुरू हुई और उसका परिणाम 15 मई को आया था। 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव के कारण परीक्षा से लेकर परिणाम को घोषित करने का शेड्यूल बिगड़ गया। परीक्षा 16 मार्च से शुरू हुई और परिणाम 8 जून को आया। सूबे योगी सरकार के सत्ता में आते ही बोर्ड की साख सुधारने पर पूरा ध्यान केंद्रित किया गया। पहली बार परीक्षाएं 6 फरवरी को शुरू कराई गईं।
Published on:
29 Apr 2018 11:34 am
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