उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन तेजी से चल रहा है। अब तक 50 फीसदी से ज्यादा कॉपियों का मूल्यांकन किया जा चुका है, और अप्रैल के तीसरे सप्ताह में रिजल्ट जारी होने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि, आधिकारिक तारीख का एलान अभी नहीं किया गया है।
यूपी बोर्ड ने वर्ष 2025 की परीक्षाओं के लिए लगभग तीन करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने का लक्ष्य निर्धारित किया था। इस कार्य को 15 दिन के अंदर पूरा करने की योजना थी, लेकिन मूल्यांकन प्रक्रिया अब समय से पहले ही गति पकड़ चुकी है। पिछले पांच दिनों में प्रदेश के 261 केंद्रों पर 51.68 फीसदी कॉपियों का मूल्यांकन किया जा चुका है। अगर यही गति रही तो रिजल्ट अप्रैल के तीसरे सप्ताह में घोषित हो सकता है। पिछले साल 2024 में रिजल्ट 20 अप्रैल को जारी किया गया था, जो एक रिकॉर्ड था। अब देखने वाली बात यह है कि क्या बोर्ड इस बार अपना पुराना रिकॉर्ड तोड़ पाएगा या नहीं।
मूल्यांकन में तेजी लाने के लिए बढ़ाई गई परीक्षकों की संख्या
मूल्यांकन कार्य में तेजी लाने के लिए परीक्षकों की संख्या में वृद्धि की गई है। शनिवार को 85,818 परीक्षक मूल्यांकन केंद्रों पर पहुंचे, जबकि रविवार को यह संख्या बढ़कर 89,678 हो गई, और एक ही दिन में 12.56 फीसदी कॉपियां जांच ली गईं। मूल्यांकन के लिए कुल 1,41,510 परीक्षकों को ड्यूटी पर तैनात किया गया है। हालांकि, निजी विद्यालयों के परीक्षकों की उपस्थिति अभी भी अपेक्षाकृत कम है।
यूपी बोर्ड ने 19 मार्च से मूल्यांकन प्रक्रिया शुरू की थी, और 2 अप्रैल तक तीन करोड़ एक लाख 48 हजार 236 कॉपियों का मूल्यांकन पूरा करने का लक्ष्य रखा है। रविवार तक कुल एक करोड़ 55 लाख 81 हजार 360 कॉपियों का मूल्यांकन किया जा चुका है, जिसमें हाईस्कूल की 91,85,379 और इंटरमीडिएट की 63,95,891 कॉपियां शामिल हैं। वहीं, रविवार को हाईस्कूल की 22,32,671 और इंटर की 15,54,839 कॉपियों का मूल्यांकन किया गया।
अगर मूल्यांकन की गति इसी तरह बनी रही, तो बोर्ड को अपने तय समय से पहले रिजल्ट जारी करने में सफलता मिल सकती है, जिससे छात्रों को समय से परिणाम का पता चल सकेगा।