
UPSC topper shakti dubey: यूपीएससी परीक्षा में सफलता की इबारत लिखने वाली शक्ति दूबे ने राजस्थान पत्रिका से खास बातचीत में अपनी संघर्षपूर्ण यात्रा साझा की। दो बार असफलता झेलने के बाद भी शक्ति ने हार नहीं मानी और आखिरकार देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा में शीर्ष स्थान हासिल किया।
असफलता पर मिली ताकत, परिवार बना संबल
शक्ति ने बताया, “जब लगातार दो बार असफलता मिली, तो मन टूटा जरूर, लेकिन पापा, मम्मी और अपने अंदर की कमियों पर काम करके मैंने फिर खुद को खड़ा किया। मोटिवेशन काम आया, और मेहनत रंग लाई।”
“टॉपर बनने का कभी नहीं सोचा था”
जब उनसे पूछा गया कि कब लगा कि अब टॉपर बन सकते हैं, तो शक्ति ने मुस्कराते हुए कहा, “सच कहूं तो कभी टॉपर बनने का नहीं सोचा था। पिछले साल जब असफलता मिली, तब भी भरोसा था कि अब हो जाएगा, लेकिन इस साल सब कुछ बेहतर हुआ और सपना सच हो गया।”
सिविल सेवा: बदलाव का ज़रिया
शक्ति दूबे मानती हैं कि सिविल सेवा केवल व्यवस्था का हिस्सा बनना नहीं है, बल्कि यह बदलाव का एक सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा, “इस सेवा के जरिए हम सिस्टम के भीतर से बहुत बड़ा बदलाव ला सकते हैं।”
रिज़ल्ट के बाद सबसे पहले माता-पिता को दी बधाई
अपना रिज़ल्ट देखकर शक्ति ने सबसे पहले अपने माता-पिता को फोन किया और खुद उन्हें बधाई दी। इसके बाद उनके ऑफिस से भी बधाई के कॉल्स आने लगे।
शिक्षा नीति में बदलाव को प्राथमिकता
नीतिगत सुधार की बात पर शक्ति ने स्पष्ट कहा कि अगर उन्हें किसी एक पॉलिसी को बदलने का अवसर मिले तो वह शिक्षा नीति में बदलाव लाना चाहेंगी। “शिक्षा में बदलाव पूरे समाज और देश में बदलाव लाने की कुंजी है,”
शक्ति दूबे की कहानी लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है—यह बताती है कि दृढ़ निश्चय, मेहनत और अपनों का साथ हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।
Published on:
23 Apr 2025 06:51 am
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