
Rescue from the Seasonal Diseases in the Rain
नपुंसकता दूर करने वाली दवा ‘वियाग्रा’ गर्भ में शिशुओं को प्रभावित करने वाली गंभीर विकास जटिलताओं को रोकने में प्रभावी नहीं है। एक शोध से यह जानकारी मिली है।
भ्रूण विकास निग्रह, जिसे सामान्य तौर पर अंतर-गर्भाशय वृद्धि अवरोध (आईयूजीआर) कहा जाता है, यह एक जटिल गर्भावस्था की स्थिति है, जिसमें शिशु सामान्य वजन जितना नहीं बढ़ पाता है। यह स्थिति तब पैदा होती है, जब गर्भनाल अपने अंदर रक्त के कमजोर प्रवाह के कारण सही तरीके से विकसित नहीं हो पाता है।
वियाग्रा ब्रांड नाम के तहत बेची जाने वाली दवा सिल्डनाफिल रक्त वाहिकाओं को आराम पहुंचाता है और इसे कई सालों से पुरुषों के शिश्न में उत्थान संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है। वियाग्रा आईयूजीआर के उपचार में एक संभावित विकल्प के रूप में उभरा था।
लिवरपूल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का कहना है कि गर्भनाल में रक्त आपूर्ति में सुधार करने से गर्भस्थ शिशु के विकास और स्वास्थ्य में सुधार होना चाहिए। हालांकि, द लेंसेट चाइल्ड एंड एडोलेसेंट में प्रकाशित इस शोध के निष्कर्षों में कहा गया है कि जब गंभीर विकास जटिलताओं से प्रभावित गर्भस्थ शिशु की मां को सिल्डनाफिल का डोज दिया गया, तो इससे न तो गर्भावस्था की कम अवधि को बढ़ाने में, न ही गर्भस्थ शिशु के उत्तरजीविता में कोई सुधार, या न ही नवजात की मृत्यु दर में कोई कमी देखी गई।
विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जारको अरलफिरेविक ने कहा, ‘‘दुखद है कि इस दवा का ऐसी अवस्था में प्रयोग अप्रभावी है।’’ अरलफिरेविक ने कहा, ‘‘हालांकि, हमारे लगातार जारी शोध के हिस्से के तहत, हम अब परीक्षण में भाग लेनेवाले शिशुओं की विकास की निगरानी कर रहे हैं, ताकि इस बीमारी के बारे में इस पर इस दवाई के असर के बारे में और जानकारी मिले, ताकि हमें भविष्य में इसके संभावित उपचार विकल्पों की पहचान में मदद मिले।’’
इस अध्ययन में 135 गर्भवती महिलाओं को शामिल किया गया जिन्हें 30 हफ्तों या उससे कम का गर्भ था तथा उनका गर्भस्थ शिशु आईयूजीआर से पीडि़त था। इसमें से 70 महिलाओं को सिल्डनाफिल दवा दी गई, जबकि 65 महिलाओं को प्लेसबो (परीक्षण के दौरान झूठमूठ की दवाई देना, जबकि वास्तव में कोई दवाई नहीं देना) दिया गया था।
Published on:
10 Dec 2017 12:06 pm
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