scriptDHFL Scam: पुणे के बिल्डर अविनाश भोसले के परिसर में मिला अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर, जानें क्या है 34 हजार करोड़ रुपये का बैंक फ्रॉड केस | DHFL Scam AgustaWestland Helicopter seized in Pune Builder Avinash Bhosale’s premises in CBI raid | Patrika News

DHFL Scam: पुणे के बिल्डर अविनाश भोसले के परिसर में मिला अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर, जानें क्या है 34 हजार करोड़ रुपये का बैंक फ्रॉड केस

locationपुणेPublished: Jul 31, 2022 11:08:22 am

Submitted by:

Dinesh Dubey

DHFL Scam News: पुणे के जाने-माने बिल्डर अविनाश भोसले के पास मौजूद अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर (AgustaWestland Helicopter) को सीबीआई ने जब्त किया है। आरोप है कि 2011 में वर्वा एविएशन ने 36 करोड़ रुपये में एब्ल्यू109एपी हेलीकॉप्टर खरीदा था। वर्वा एशिएन का मालिकाना हक एसोसिएशन ऑफ पर्संस के पास है।

AgustaWestland helicopter seized from builder Avinash Bhosale's premises

बिल्डर अविनाश भोसले के परिसर से अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर जब्त

Pune News: दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) से जुड़े 34,615 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पुणे के बिल्डर अविनाश भोसले (Avinash Bhosale) के परिसर में छापेमारी की। इस दौरान अधिकारीयों को हेलीकॉप्टर समेत कई बेशकीमती चीजें मिली है।
मिली जानकारी के मुताबिक, पुणे के जाने-माने बिल्डर अविनाश भोसले के पास मौजूद अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर (AgustaWestland Helicopter) को सीबीआई ने जब्त किया है। आरोप है कि 2011 में वर्वा एविएशन ने 36 करोड़ रुपये में एब्ल्यू109एपी हेलीकॉप्टर खरीदा था। वर्वा एशिएन का मालिकाना हक एसोसिएशन ऑफ पर्संस के पास है।
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सीबीआई अधिकारियों ने शनिवार को पुणे में बैनर रोड पर बिल्डर अविनाश भोसले के परिसर से हेलीकॉप्टर जब्त किया है। हाल ही में सीबीआई ने येस बैंक-डीएचएफएल घोटाले के एक अलग मामले में भोसले के खिलाफ चार्जशिट दाखिल की थी। जिसमें सीबीआई ने आरोप लगाया है कि भोसले की कंपनियों सहित विभिन्न बिल्डरों के माध्यम से लोन और परामर्श सेवाओं के रूप में 4,727 करोड़ रुपये की हेराफेरी की।
अधिकारियों के मुताबिक, डीएचएफएल ग्रुप के वाधवान परिवार के स्वामित्व वाला आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड इस एसोसिएशन की सदस्यता और हेलीकॉप्टर के रखरखाव के लिए करोड़ों रुपये का भुगतान कर 2017 में कथित रूप से उसका हिस्सा बना था।

कैसे हुई ठगी?

जांच अधीकारियों को शक है कि इस एसोसिएशन में हिस्सेदारी खरीदने के लिए आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स द्वारा इस्तेमाल की गई रकम 17 बैंको के समूह से लोन के रूप में ली गई थी और इस तरह डीएचएफएल, उसके पूर्व अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक कपिल वाधवान, निदेशक धीरज वाधवान और अन्य ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की अगुवाई वाले बैंक समूह को 34,615 करोड़ रुपये का चूना लगाया था।
सीबीआई ने 34,615 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड केस में 20 जून को डीएचएफएल, वाधवान बंधुओं एवं अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था। आरोप है कि इन सभी ने डीएचएफएल के फर्जी बही खातों में 34,615 करोड़ रुपये अंतरित कर इस धनराशि की हेराफेरी की और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले 17 बैंकों के समूह के साथ ठगी की। जांच एजेंसी ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर यह कार्रवाई की है।
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