नीति के मुताबिक, महाराष्ट्र सरकार छत पर सोलर पैनलों से 200 मेगावाट बिजली पैदा करने के लिए पांच साल का एक लक्ष्य रखेगी, लघु व मध्यम जल वितरण स्कीम के लिए 10,000 सोलर पंप स्थापित करेगी, बायोगैस से 4,000 किलोवाट बिजली पैदा करेगी और दो गांवों में माइक्रो-ग्रिड पायलट परियोजना चलाएगी। राज्य के मंत्रिमंडल द्वारा एक बार नीति को मंजूरी दे दिए जाने पर ऊर्जा विभाग सरकारी छात्रावासों में 318.75 लाख लीटर की क्षमता वाले सोलर हीटर स्थापित करेगा। बावनकुले ने कहा कि विधायक और सांसद इन स्कीमों को प्रोत्साहित करने के लिए अपने विकास कोषों का उपयोग कर सकते हैं।