scriptMaharashtra News: प्राइमरी स्‍कूलों में जल्‍द होगा बड़ा बदलाव, छोटे बच्चों की ‘नींद’ को लेकर शिंदे सरकार लेगी ये फैसला | Maharashtra News: Soon there will be a big change in primary schools, Shinde government will take this decision regarding 'sleep' of small children | Patrika News

Maharashtra News: प्राइमरी स्‍कूलों में जल्‍द होगा बड़ा बदलाव, छोटे बच्चों की ‘नींद’ को लेकर शिंदे सरकार लेगी ये फैसला

locationपुणेPublished: Sep 26, 2022 05:43:50 pm

Submitted by:

Siddharth

महाराष्ट्र के स्‍कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर के मुताबिक राज्य में प्राइमरी स्‍कूल के बच्‍चों को ज्‍यादा नींद की जरूरत होती है इस अवधि के दौरान दिमाग का सबसे अधिक विकास होता है। जिसे ध्यान में रखते हुए उनके स्‍कूल समय में बदलाव किया जाना चाहिए।

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Primary School

प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले छोटे बच्‍चों के लिए नींद बहुत जरूरी है, जिसे देखते हुए महाराष्ट्र का शिक्षा विभाग प्री-प्राइमरी और प्राइमरी वर्गों के लिए स्कूल का समय बदलने पर विचार किया जा रहा है। स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने पिछले हफ्ते पुणे में एजुकेशनल ट्रस्ट प्रोग्रेसिव एजुकेशन सोसाइटी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में अपने संबोधन बच्‍चों के हित में ये सुझाव सामने रखा।
स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने कहा था कि शहरों में स्कूल दो से तीन शिफ्ट में चल रहे हैं, जिसकी वजह से इस मामले में अंतिम निर्णय विशेषज्ञों, प्रबंधन और शिक्षकों से बातचीत करने के बाद ही लिया जाएगा। दीपक केसरकर ने यह भी साफ किया कि टीचरों को इलेक्शन और जनगणना कार्य के अलावा कोई अन्य गैर-शैक्षणिक काम नहीं सौंपा जाएगा।
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अलग-अलग मुद्दों पर हुई चर्चा: बता दें कि प्रोग्रेसिव एजुकेशन सोसाइटी द्वारा आयोजित शिक्षक संवाद और मेधावी छात्र सम्मान समारोह में दीपक केसरकर ने मेधावी स्टूडेंट्स को सम्‍मानित किया। इस अवसर पर टीचरों ने गैर-शैक्षणिक कार्य, गैर-वेतन अनुदान, परीक्षा शुरू करना, छत्रपति शिवाजी महाराज, पाठ्यक्रम में मूल्य शिक्षा लाना, से लेकर महादजी शिंदे तक का इतिहास, खेल नीति जैसे अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा की। विधायक सिद्धार्थ शिरोले, समाज के अध्यक्ष विघ्नहरी महाराज देव आदि भी यहां उपस्थित थे।
इस दौरान स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि छोटे बच्चों को ज्यादा नींद की जरूरत होती है। इन बच्चों के स्कूली जीवन के शुरूआती साल महत्वपूर्ण होते हैं, और इस दौरान दिमाग का सबसे ज्यादा विकास होता है। हालांकि, महाराष्ट्र में स्कूल का समय सुबह 7 बजे से है और पढ़ाई के दबाव की वजह से मानसिक तनाव बढ़ जाता है। जिसकी वजह से इन बच्चों को अच्‍छी नींद की जरूरत है। इस संबंध में प्रातः काल के प्राइमरी स्कूलों के समय में बदलाव पर विचार किया जा रहा है। हालांकि इस संबंध में अभी कोई फैसला नहीं किया गया है।
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