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Pune News: पुणे में हो रहा था बाल विवाह, प्रशासन ने ऐसे रुकवाई शादी; जानें पूरा मामला

महाराष्ट्र के पुणे में बाल विवाह का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। पुलिस महकमे और प्रशासनिक अधिकारियों को जब बाल विवाह की खबर मिली तो हड़कंप मच गया। प्रशासन ने फौरन स्थानीय प्रशासन की मदद से विवाह को रुकवा दिया। दोनों नाबालिगों के माता- पिता को पुलिस थाने ले आई।

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Child marriage

महाराष्ट्र के पुणे में बाल विवाह का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। पुणे के शिरोली बुद्रुक में बाल विवाह को रोकने में प्रशासन को कामयाबी मिली है। नाबालिग लड़के और लड़की का बाल विवाह शिरोली बुद्रुक में होने की खबर मिलने के बाद अधिकारी, जुन्नार पुलिस और शिरोली बुद्रुक बाल विवाह निवारण अधिकारी और ग्राम सेवक विवाह स्थल पर दस्तक दिए। इस विवाह समारोह में करीब 400 से अधिक लोग मौजूद थे। बाल विवाह रोकथाम अधिनियम 2006 के तहत बाल विवाह के साथ-साथ बाल विवाह में भाग लेना भी एक अपराध है।

मौके पर पहुंचे संबंधित अधिकारियों ने नाबालिगों की उम्र के बारे पता लगाया तो अधिकारी भी तंग रह गए। अधिकारियों ने लड़के और लड़की के आधार कार्ड का निरीक्षण किया। आधार कार्ड की जन्म तिथि के मुताबिक, लड़की की उम्र महज 16 साल 8 महीने और लड़के की उम्र 16 साल 7 महीने थी। यह भी पढ़ें: Maharashtra News: शिंदे सरकार का बड़ा फैसला, कोविड के दौरान माता-पिता को खो चुके कॉलेज छात्रों के पढ़ाई का उठाएगी खर्च

मिली जानकारी के मुताबिक, पुणे की जुन्नार पुलिस ने दोनों नाबालिगों के माता-पिता और परिजनों को थाने ले आई। थाने में दोनों बच्चों के माता-पिता और संबंधियों की काउंसलिंग कर उन्हें कानून की विस्तृत जानकारी दी गई। एक वचन पत्र लिखा गया कि वे तब तक शादी नहीं करेंगे जब तक दोनों बालिक नहीं हो जाते है। जुन्नार पुलिस उपनिरीक्षक ने इस बाल विवाह को रोकने में प्रशासन की पूरी मदद की। इस विवाह को रोकने के लिए सुरक्षा अधिकारी अक्षय सालुंखे, ग्राम सेवक और पुलिस पाटिल मौके पर पहुंचे थे।

बता दें कि जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी पुणे की तरफ से अपील की गई है कि बाल विवाह की जानकारी देने वाले की पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी। बाल विवाह रोकथाम अधिनियम 2006 के तहत बाल विवाह के साथ-साथ संबंधित बाल विवाह में भाग लेना भी एक अपराध है। बाल विवाह के मामले में सजा भी मिल सकती है। बाल विवाह रोकने के लिए प्रशासन की तरफ से हेल्पलाइन नंबर 1098, पुलिस हेल्पलाइन नंबर 100 जारी किया गया है। इसके अलावा पुलिस अधिकारी या महिला एवं बाल विकास विभाग से प्रशासन की मदद के लिए संपर्क कर सकते हैं।