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रायबरेली : जगह-जगह कचरे के ढेर, नालियां जाम, फिर कैसे संवरे शहर

यह गांधी परिवार का ही जादू था कि पिछले विधानसभा चुनाव में शहर की सीट कांग्रेस की उम्मीदवार अदिति सिंह ने जीती और नगरपालिका सीट भी कांग्रेस की झोली में गई। अब शहर विधायक अदिति सिंह भाजपाई हो गई हैं। इससे शहर में उनका राजनीतिक रसूख भी बढ़ गया है। नगर पालिका अध्यक्ष पूर्णिमा श्रीवास्तव की गिनती अदिति सिंह के समर्थकों में की जाती है।

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रायबरेली : जगह-जगह कचरे के ढेर, नालियां जाम, फिर कैसे संवरे शहर

रायबरेली के फिरोज गांधी नगर में सड़कों पर बहता पानी.

रायबरेली. वीवीआईपी शहरों में शुमार किए जाने वाले रायबरेली शहर की गलियां कचरे गंदे पानी और गड्ढों से पटी पड़ी हैं। सुबह से लेकर शाम तक सड़कों पर उड़ती धूल शहर के लोगों के लिए एक बड़ी मुसीबत से कम नहीं है। स्थिति यह है कि चुनावी चर्चा में डूबे राजनेताओं को शहर के लोगों की बिलकुल सुध नहीं है। अधिकारी भी उदासीन बने हुए हैं।

कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी लोकसभा में रायबरेली संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व करती हैं। सांसद का नाम यह बताने के लिए काफी है कि अब तक शहर के कितना विकास होना चाहिए था।

जगह-जगह कचरे के ढेर
शहर में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी नगर पालिका की है लेकिन शहर की तस्वीर ऐसी नहीं दिखाई पड़ती है, जिससे पता चले कि शहर के सजाने-संवारने के नाम पर कोई ठोस काम किए गए हैं। रायबरेली शहर की सड़कों से लेकर गलियां तक कचरे से पटी पड़ी हैं। सफाई के नाम पर लाखों रुपए खर्च हो रहे हैं लेकिन शहर की सफाई व्यवस्था वेंटीलेटर पर है।

नहीं होती नालियों की नियमित सफाई
सुपर मार्केट से लेकर जिला अस्पताल और रेलवे स्टेशन से लेकर बस स्टैंड जगह-जगह कचरे के ढेर मिल जाएंगे। पटरी दुकानदार और ठेले वालों के अलावा सब्जी दुकानदारों द्वारा फैलाए गए कचरे की समय से सफाई नहीं होती है। दुर्गंध आने से आसपास के लोग परेशान रहते हैं। बड़े दुकानदार भी दुकान के आसपास की सफाई करके कचरा बीच सड़क पर ही छोड़ देते हैं और सफाईकर्मी अपने मन मुताबिक सफाई करके खानापूर्ति करते रहते हैं।

सड़कों पर गंदा पानी
शहर की नालियों की नियमित साफ-सफाई न होने से नालियां जाम हो गई हैं। पानी की निकासी सही ढंग से नहीं होती है और पानी सड़कों पर बहता रहता है। शहर के कई इलाकों में नालियां बनाई गईं हैं और यह काम अभी भी चल रहा है लेकिन इन्हें बनाते समय पानी के बहाव का ख्याल नहीं रखा जा रहा है। इसलिए जहां-तहां पानी भरा रहता है। कई तो इलाके ऐसे हैं, जहां वीआईपी रहते हैं लेकिन वहां भी नालियों की साफ-सफाई नहीं होती है।

दिन भर उड़ती है धूल

शहर की जर्जर सड़कें और गड्ढों ने शहरवासियों का अमन-चैन छीन लिया है। दिन भर धूल उड़ती रहती है। सौंदर्यीकरण के नाम पर सड़कों के किनारे फुटपाथ इस तरह से बनाए जा रहे हैं, जिन्हें देखकर शहरवासी भी समझ रहे हैं कि केवल धन की बर्बादी के सिवा कुछ नहीं है। दिन भर धूल उड़ती रहती है। सुपर मार्केट के निकट चाय ठेला लगाने वाले शख्स ने कहा कि पूरा शहर घूम आइए तो पता चल जाएगा कि शहर विकास के नाम पर किस तरह की लूट मची हुई है। सड़कें जर्जर होने से आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं लेकिन यह आंकड़े कहीं दर्ज नहीं होते हैं और शहरवासी इस तरह की दुर्घटनाओं को अपनी नियति मानकर सह लेते हैं।


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