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पत्रिका न्यूज नेटवर्क.
रायबरेली. वीवीआईपी जिले रायबरेली के जगतपुर ब्लॉक क्षेत्र की हरदी टीकर एक ऐसी ग्राम पंचायत (Gram Panchayat) है, जहां गांव की सत्ता आजादी से लेकर आज तक एक ही परिवार के इर्द-गिर्द घूमती रही है। वह अलग बात है कि दो चुनावों (UP Panchayat Election) में सीट आरक्षित हो गई थी, जिस कारण दो अन्य लोगों ने ग्राम की कुर्सी संभाली, लेकिन इसके अतिरिक्त यहां के लोगों ने हमेशा ही सत्यनारायण सिंह व उनके परिवार को अपना मुखिया चुना। इस बार चुनाव में सीट फिर अनारक्षित है। और उम्मीद जताई जा रही है कि एक बार फिर सत्यनारायण सिंह के घराने को ही जीत मिलेगी।
1960 से रहा है सिंह का कब्जा-
जगतपुर ब्लॉक क्षेत्र ग्राम पंचायत हरदी टीकर की आबादी करीब 3200 है। इस ग्राम पंचायत में वर्ष 1960 से सत्यनारायण सिंह ने चुनाव लड़ा। हालांकि उनके सामने किसी ने भी पर्चा दाखिल नहीं किया था और वह निर्विरोध चुनाव जीतते गए। और यह सिलसिला 1985 तक चलता रहा। 1995 तक वह चुनाव जीतने के बाद गाँव में विकास करते रहे। 1995 में सत्य नारायण सिंह की पत्नी सविता सिंह चुनाव में खड़ी हुईं और निर्विरोध जीती। साल 2000 में गांव वालों ने एक बार फिर सत्यनारायण सिंह के हाथों में गांव की सत्ता सौंपी।
दो चुनावों के बाद फिर की वापसी-
2005 के चुनाव में सीट आरक्षित होने पर महादेव और वर्ष 2010 में आरक्षित सीट होने पर रति पाल को प्रधान बनाया गया था। साल 2015 में सीट अनारक्षित होने के बाद सत्यनारायण सिंह ने फिर वापसी की। इस बार उनके बेटे अमरेश सिंह ने गांव की बागडोर संभाली। 2021 में फिर से अनारक्षित सीट होने के कारण अमरेश सिंह प्रबल दावेदार हैं। निवर्तमान प्रधान अमरेश सिंह का कहना है कि हमारा परिवार हमेशा गांव के लोगों के सुख-दुख में खड़ा रहता है। इसलिए लगातार गांव का सहयोग मिल रहा है। गांव के विकास के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है।
Updated on:
02 Apr 2021 10:02 pm
Published on:
02 Apr 2021 09:58 pm
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