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कटंगपाली क्षेत्र में हर रोज अवैध खदान से शासन को लाखों रुपए की पहुंच रही क्षति

खनिज विभाग के अधिकारियों को नही है मतलब

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कटंगपाली क्षेत्र में हर रोज अवैध खदान से शासन को लाखों रुपए की पहुंच रही क्षति

खनिज विभाग के अधिकारियों को नही है मतलब

रायगढ़। बरमकेला के कटंगपाली क्षेत्र में संचालित हो रही करीब दर्जन भर अवैध खदान से शासन को हर रोज लाखो रुपए के राजस्व की हानि हो रही है, लेकिन खनिज विभाग के अधिकारियों को इसकी परवाह नही है। यही कारण है कि अवैध खदान दिनदहाड़े संचालित हो रहा है और विभाग के अधिकारियों को झांकने तक कि फुर्सत नही है।
कटंगपाली अ में जहां बीच बस्ती में राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण में अवैध डोलोमाईट खदान संचालित हो रहा है, वहीं इस खदान के संचालक के संरक्षण में उक्त क्षेत्र में करीब दर्जन भर अवैध खदान संचालित हो रहा है। बताया जाता है कि प्रत्येक अवैध खदान से हर रोज कम से कम 50-60 गाडिय़ां अवैध डोलोमाईट का उत्खनन कर परिवहन किया जाता है, जिसमे एक रुपए की भी राशि रॉयल्टी के रूप में शासन को नही मिलती है। क्षेत्र के दर्जन भर अवैध खदानों से निकलने वाले खनिज से हर रोज शासन को लाखों रुपए का चपत राजस्व के रूप में लगा रहा है।डोलोमाइट में खनिज विभाग प्रति टन ९० रुपए की रॉयल्टी लेती है, इस हिसाब से देखा जाए तो प्रतिदिन एवरेज प्रति अवैध खदन ५० गाड़ी भी लिया जाए तो हर रोज करीब ३ लाख रुपए के रॉयल्टी का नुकसान हो रहा है। आश्चर्य की बात तो यह है कि अवैध खदान से दिनदहाड़े उत्खनन और परिवहन की बातें लगातार सामने आ रही है, लेकिन खनिज विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रणाली देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि रॉयल्टी के रूप में शासन को लग रहे चपत और अवैध रूप से खनिज के दोहन के मामले में राजनीतिक और प्रशासनिक रूप से संरक्षण मिल रहा है। यही कारण है कि खनिज के तस्कर खुले रूप से दोहन करने में लगे हुए है।अवैध खदान से संचालन को लेकर विभाग का कार्यप्रणाली चर्चा का विषय बना हुआ है।
सालों से चल रहा अवैध खदान
अवैध खदानों की स्थिति देखकर समझ आता है कि कितने सालों से ये अवैध खदान चल रहे है। जिन वैध खदानों को 10 साल हो गया है वहां के खदानों में जितनी गहराई नही है उससे कहीं अधिक गहराई अवैध खदानों में है। जिसे देख अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह अवैध उत्खनन कितने सालों से चल रहा है।
बेरियर सिर्फ दिखवा के लिए
क्षेत्र में अवैध खनिज के परिवहन को रोकने के लिए टिमरलगा में खनिज जांच बेरियर है, लेकिन आश्चर्य की बात तो यह है कि अवैध खदानों की गहराई बढ़ती जा रही है और बेरियर में महीने में दो चार अवैध खनिज से लोड गाड़ी पकड़कर खानापूर्ति कर दी जा रही है।
क्या है कार्रवाई का प्रावधान
अवैध खदान की शिकायत मिलने पर जांच के दौरान उपलब्ध मशीनरी व अन्य सामग्री तो जब्त किया जाएगा। साथ ही मौके पर उत्खनन कर रखे गए खनिज की मात्रा व खदान के गहराई के हिसाब से खोदे गए खनिज की मात्रा में रॉयल्टी राशि व बाजार मूल्य की राशि जुर्माना के तौर पर वसूली करने का प्रावधान है।
वर्सन
वर्तमान में शासन ने प्रति टन ९० रुपए तय किया है। संबंधित भूमि से खोदे गए खनिज की मात्रा का आंकलन कर रॉयल्टी राशि व बाजार मूल्य वसूली किए जाने का प्रावधान है। कर्मचारियों की कमी है जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
योगेंद्र सिंह, खनिज अधिकारी