
स्वास्थ्य विभाग के शह पर मनमानी रेट के साथ चल रहे लैब
रायगढ़. स्वास्थ्य विभाग के सरपरस्ती में संचालित हो रहे सोनोग्राफी सेंटर व पैथोलाजी लैब संचालकों की मानमानी इस कदर बढ़ गई है कि जांच कराने आने वाले मरीज व परिजन हलाकान नजर आ रहे हैं। इसके बाद भी विभाग द्वारा इन पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं किया जा रहा है, जिसको लेकर लोगों में आक्रोश पनपने लगा है।
गौरतलब हो कि रायगढ़ जिला औद्योगिक नगरी के रूप में विकसित होने के बाद जहां सडक़ हादसों की संख्या बढ़ गई है तो वहीं डस्ट व राखड़ के चलते तरह-तरह के बीमारियों के चपेट में भी लोग आ रहे हैं। जिससे बीमारियों को देखते हु डाक्टरों द्वारा अलग-अलग तरह की जांच भी लिखे जाते हैं, जो शहर के गिने-चूने लैब में जांच हो पाती है। ऐसे में डाक्टर भी जांच के लिए वहीं भेजते हैं जहां से उनको कमिशन के रूप में राशि उपलब्ध हो पाती है। जिसके चलते लैब संचालक मरीजों से खुलेआम मनमानी फीस की डिमांड करते हैं, जिसके चलते मरीज व परिजन परेशान नजर आ रहे हैं। वहीं मरीजों की संख्या में हो रही बढ़ोत्तरी को देखते हुए लगातार नए-नए लैब व सोनोग्राफी सेंटर भी शुरू हो रहा है जिसको स्वास्थ्य विभाग द्वारा बगैर जांच किए ही लाइसेंस भी जारी कर दी जा रही है, जिससे संचालक नियमों को ताक पर रखकर संचालित कर रहे हैं, जिसका खामियाजा मरीज व उसके परिजनों को भुगतना पड़ रहा है। साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि सोनोग्राफी व लैब संचालक अपने संस्थान में किसी भी तरह की रेट लिस्ट लगा कर नहीं रखे हैं, जिसके चलते मरीज व परिजनों से मनमानी रुपए की मांग की जा रही है। साथ ही लोगों का कहना है कि शहर में बड़ी संख्या में सोनोग्राफी सेंटर व पैथोलाजी लैब संचालित है, लेकिन कुछ जगहों का ही रिपोर्ट सही है, ऐसे में ज्यादातर मरीज डाक्टरों के निर्देशानुसार उसी जगह में जांच के लिए पहुंचते हैं, जिससे अधिक भीड़ होने के कारण लैब संचालक मनमानी रुपए की मांग करते नजर आते हैं। हालांकि इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को भी है, लेकिन इसके बाद भी इन पर विभाग द्वारा किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं किए जाने से सवाल खड़े होने लगे हैं।
जांच करने से कतरा रहा विभाग
गौरतलब हो कि शहर में बड़ी संख्या में पैथोलॉजी लैब व सोनोग्राफी सेंटर संचालिता हो रहा है, जिसमें संचालक अपने मनमाने रेट पर जांच कर रहे हैं, हालांकि इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भी है, लेकिन इसके बाद भी न तो कभी जांच होती है और न ही रेट फिक्स कर लिस्ट लगाने के लिए दबाव बनाया जाता। वहीं अगर कोई शिकायत भी करता है तो जांच का आश्वासन देकर भूूल जाते हैं। जिसके चलते संचालकों द्वारा मरीजों को देखकर रेट तय करते नजर आ रहे हैं, जिससे भोले-भाले ग्रामीण हर दिन ठगे जा रहे हैं।
पहले जमा करते हैं रुपए
गौरतलब हो कि शहर में लैब व सोनोग्राफी सेंटरेां की संख्या अधिक होने के कारण इनमें होड़ मची हुई है। जिसके चलते अगर कोई मरीज किसी भी लैब में जाता है तो संचालक द्वारा नंबर लगाने के साथ ही रुपए जमा कराते हैं, ताकि बिलंब होने पर मरीज दूसरे जगह न जा सके। इसके बाद अगर दूसरा मरीज बाद में आता है और उसे जल्दी जांच कराना है तो नंबर लगाने वाले को छोड़ कर ज्यादा रुपए देने वाले को प्राथमिकता दी जाती है। पूर्व में पैसा जमा किए मरीजों को जांच कराने में सुबह से शाम हो जा रहा है। जिसके चलते कई बार विवाद की भी स्थिति बन रही है।
वर्जन
लैब व सोनोग्राफी सेंटरेां में रेट तय करने व लिस्ट लगाने के लिए बहुत जल्द जांच शुरू की जाएगी, इस दौरान अगर कोई संचालक अधिक रुपए लेते पाया जाता है तो उस पर कार्रवाई भी की जाएगी।
डॉ. मधुलिका सिंह ठाकुर, सीएचएमओ, रायगढ़
Published on:
11 May 2023 09:00 pm
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