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अतिक्रमण की शिकायत पर साधे रहे चुप्पी, अब अपने लिए खोजने पर भी नहीं मिल रही जमीन

अतिक्रमण की शिकायत पर चुप्पी साधना अब निगम के लिए ही भारी पड़ रहा है। स्थिति यह है कि निगम को अब अपने काम के लिए ही जमीन नहीं मिल रहा है।

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Piyushkant Chaturvedi

Aug 02, 2017

Silence on the complaint of encroachment, now the

Silence on the complaint of encroachment, now the land is not available

रायगढ़
. अतिक्रमण की शिकायत पर चुप्पी साधना अब निगम के लिए ही भारी पड़ रहा है। स्थिति यह है कि निगम को अब अपने काम के लिए ही जमीन नहीं मिल रहा है।


वहीं जब सरकारी भूमि पर निर्माण के लिए चयन किया जा रहा है तो इसका भी विरोध हो रहा है। इस तरह की स्थिति एसएलआरएम सेंटर में देखने को मिल रही है।


इसकी वजह से उक्त सेंटर का निर्माण लटका हुआ है। ऐसे में यह भी कहा जा रहा है कि निगम यदि अतिक्रमण की शिकायत को लेकर गंभीरता बरतती तो यह स्थिति देखने को नहीं मिलती।


स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर में 10 एसएलआरएम सेंटर बनाया जाना है। इसमें से निगम के द्वारा तीन सेंटर का निर्माण तो शुरू किया गया है, लेकिन शेष सात सेंटरों के निर्माण में जमीन का रोड़ा लटक रहा है।


स्थिति यह है निगम को एसएलआरएम सेंटर के लिए जमीन नहीं मिल रही है। वहीं जिस जमीन को एसएलआरएम सेंटर के लिए चिन्हांकित किया जा रहा है वहां विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है।


ऐसे में सीधे-सीधे निगम के पास जमीन का टोटा है। यहां यह बताना लाजमी होगा कि नगर निगम के अधिक काफी जमीन है, लेकिन अधिकांश जमीन अतिक्रमण की भेंट चढ़ गए हैं।


ऐसा नहीं है कि जब जमीन पर कब्जा किया जा रहा था, तब इस बात की जानकारी निगम के अधिकारियों को नहीं थी। निगम के अधिकारियों को इसकी जानकारी थी। वहीं नहीं होने की स्थिति में आसपास के लोगों ने इस बात की शिकायत भी की गई, लेकिन निगम इस मामले को लेकर चुप्पी ही साधा रहा।


ऐसे में निगम की जमीनों पर अतिक्रमण होता रहा है और निगम मूकदर्शक बनी रही। हालांकि ऐसा नहीं है कि निगम पूरी तरह से इस मामले को लेकर उदासीनता बरता रहा। कुछ मामलों में कार्रवाई हुई भी, लेकिन यह कार्रवाई महज खानापूर्ति की रही। ऐसे में अब निगम को अपने ही कार्य के लिए जमीन के लाले पड़ गए हैं।


कुछ को तो दिया संरक्षण
- नगर निगम के द्वारा अतिक्रमण को लेकर गंभीरता नहीं बरती गई। वहीं कई बार ऐसी स्थिति भी सामने आ चुकी है, जब निगम के अधिकारियों द्वारा अवैध अतिक्रमण की शिकायत किए जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई बल्कि संबंधितों को संरक्षण दिया गया।


इस तरह का मामला नगर निगम में शामिल होने वाले नए क्षेत्र उर्दना में देखने को मिल सकता है। यहां अवैध अतिक्रमण की शिकायत कई बार की गई, लेकिन निगम के अधिकारी इस मामले में महज नोटिस तक ही सिमट गए और अब तक अवैध अतिक्रमण नहीं टूट सका।

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