
मंदिर के लिए भगवान ने काट ली हाथ की नस, चार साल पहले डीबी पावर के वाहन से टूटा था मंदिर
रायगढ़. Chhattisgarh: हाइवा से ठोकर से टूटे मंदिर को निर्माण कराने की मांग को लेकर पुजारी ने खुदकुशी का प्रयास किया है। पुजारी भगवान दास ने अपने हाथ की नस काट ली। इससे उसकी स्थिति गंभीर है। पुजारी का आरोप है कि चार साल पहले डीबी पावर कंपनी की हाइवा की ठोकर से मंदिर टूटी थी। तत्कालीन विरोध पर डीबी पावर के अधिकारियों न मुआवजा राशि दिए जाने की बात कही थी, लेकिन वे वादे से मुकर गए। ऐसे में इसकी शिकायत जिला प्रशासन के अधिकारियों से की गई, लेकिन जिला प्रशासन के अधिकारी भी मुआवजा नहीं दिला सके। इससे व्यथित होकर पुजारी ने यह कदम उठाया।
इस सम्बन्ध में मिली जानकारी के अनुसार कोतरारोड थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कुरमापाली निवासी भगवान दास श्रीवास पिता धनीराम श्रीवास के घर के पास दो-तीन गांव के ग्रामीणों ने एक हनुमान मंदिर का निर्माण कराया था। जिसे विगत चार साल पहले डीबी पावर के हाइवा की टक्कर से मंदिर टूट गया था। इस दौरान ग्रामीणों द्वारा काफी हो-हल्ला मचाने के बाद डीबी पावर ने मंदिर निर्माण के लिए आठ लाख रुपए देने का वादा किया था, लेकिन उसके द्वारा रुपए नहीं दिए गए।
इसके बाद भगवान दास ने कई बार इसकी शिकायत प्रशासन की, लेकिन हर बाद उसे आश्वासन ही मिलता रहा। इसके बाद पूजारी ने कई बार कलेक्टर के जनदर्शन में भी अपनी मांग रखी, लेकिन इसके बाद भी उसे मुआवजा नहीं मिला। इसके बाद विगत सप्ताह भर पहले पुजारी भगवान दास ने प्रशासन व कोतरारोड टीआई को लिखित मेें जानकारी दी थी कि अगर मुआवजा नहीं मिली तो वह आत्महत्या कर लेगा।
इसके बाद शुक्रवार को नायब तहसीलदार शिवानी जायसवाल और डीबी पावर के अधिकारियों द्वारा मंदिर के पास एक बैठक रखा गया। इसमें यह तय हुआ कि मंदिर निर्माण में लागत करीब आठ लाख रुपया मुआवजा के रूप में डीबी पावर पुजारी को सोमवार तक देगा। इसके बाद पुजारी ने कहा कि अगर सोमवार तक मुआवजा नहीं मिलेगा तो वह आत्महत्या कर लेगा। इस पर सभी ने एक राय से कहा कि मुआवजा मिल जाएगा। इस दौरान मुआवजा नहीं मिलने से नाराज पुजारी भगवान दास श्रीवास ने सोमवार की रात मंदिर में ही खुदकुशी करने की नियत से ब्लेड से अपने हाथ की नस काट ली।
इससे काफी खून बह जाने के कारण पुजारी अचेत हो गया था। इसके बाद इसकी सूचना ११२ को दी गई। वहीं उसे इलाज के लिए मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि देर शाम करीब साढ़े चार बजे उक्त कंपनी के द्वारा स्पंच आयरन एसोसिएशन के माध्यम से पुजारी को सात लाख 53 हजार रुपए दी गई।
आत्महत्या करने की सूचना प्रशासनिक अमले में मचा हडक़ंप
पुजारी भगवान दास श्रीवास के आत्महत्या के लिए हाथ काटे जाने की जानकारी मिलने के बाद सोमवार की रात में ही पुलिस विभाग के एसपी सहित अन्य बड़े अधिकारी व प्रशासनिक विभाग के कलेक्टर व एसडीएम सहित अन्य अधिकारी पूरी रात अस्पताल में मौजूद रहे। वहीं इसके लिए अन्य पुलिस की ड्यूटी भी लगाई गई थी कि कहीं इसकी जानकारी मीडिया को न लगे। इस दौरान पुजारी भगवान दास को मीडिया से बचाने के लिए पेईंग वार्ड में अलग से भर्ती कराया गया। जहां मीडिया को जाने से बेन कर दिया गया। वहीं मंगलवार को भी पुलिस के अधिकारी अस्पताल में मौजूद रहे। इस दौरान पुजारी से मीडिया के मिलने नहीं दिया जा रहा था। ताकि इनकी पोल न खुल जाए।
चार साल पहले हुई थी घटना
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार करीब चार साल पहले डीबी पावर की हाइवा से मंदिर टूट गया था। इस दौरान डीबी पावर के अधिकारियों ने पुजारी को आश्वासन दिया था कि उसे मुआवजा के रूप में आठ लाख रुपए दिया जाएगा। इसके बाद पुजारी ने अपने रुपए से मंदिर का निर्माण करा दिया। वहीं कई बार मुआवजे की मांग की गई, लेकिन डीबी पावर ने रुपए नहीं देने से पुजारी ने इसकी शिकायत कलेक्टर व एसडीएम से की थी। इसके बाद भी आज तक उसे आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला।
कुरमापाली में हुई थी त्रिपक्षीयवार्ता
इस संंबंध में मिली जानकारी के अनुसार डीबी पावर व प्रशासनिक अधिकारियों से कई बार शिकायत की गई, लेकिन सिर्फ आश्वासन मिला। जिससे पुजारी काफी व्यथित हो गया था। इस कारण पुजारी ने कोतरारोड थाना व एसडीएम से आत्महत्या करने की अनुमति मांगी थी। इस कारण विगत चार-पांच दिन पहले प्रशासन द्वारा कुरमापाली में त्रिपक्षीय वार्ता रखी गई थी। इसमें तय किया गया कि सोमवार को डीबी पावर द्वारा मुआवजे के रूप में आठ लाख रुपए दिए जाएंगे। वहीं पुजारी ने कहा था कि अगर सोमवार को रुपए नहीं मिले तो वह आत्महत्या कर लेगा, लेकिन इस बार भी पुजारी को रुपया नहीं दिया।
आयरन एसोसिएशन के माध्यम से पुजारी को सात लाख ५३ हजार रुपए दिया गया है। इसके बाद इस मामले का पटाक्षेप हो गया।
-भागवत जायसवाल, एसडीएम, रायगढ़
Published on:
16 Jul 2019 09:07 pm
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