
वर्ष २०२० में वन विभाग खरसिया द्वारा डेढ़-डेढ़ लाख रुपए की लागत से चोढ़ा से छाल मार्ग में ११६४ पीएफ में तीन डबरी का निर्माण कराया गया था। वन विभाग के रिकार्ड के अनुसार वर्ष २०२० में तीनों डबरी का कार्य पूर्ण बताते हुए बकायदा उक्त राशि का आहरण कर लिया गया है। इस डबरी के निर्माण को लेकर संबंधित बीट गार्ड व डिप्टी रेंजर ने प्रमाणित किया है जिसके बाद रेंजर ने दिसंबर २०२० में ही तीनों चेक जारी किया है। दो चेक की तिथि एक है तो तीसरे को अन्य तिथि में जारी किया गया है। इस मामले में हुई शिकायत के बाद डीएफओ प्रणय मिश्रा ने रायगढ़ एसडीओ आरआर पैंकरा को जांच के लिए निर्देश दिया। एसडीओ सहित अन्य अधिनस्थ कर्मचारी खरसिया के उक्त क्षेत्र में जांच करने के लिए पहुंचे, लेकिन मौके पर कोई डबरी नहीं मिली। रिकार्ड में तो तीन डबरी का निर्माण बताया गया हैे लेकिन मौके पर एक भी डबरी नहीं मिली। इसको देखकर जांच अधिकारी खुद ही हैरान रह गए। फिलहाल इस मामले में जांच रिपोर्ट तैयार करते हुए कार्रवाई के लिए अनुशंसा करते हुए रिपोर्ट डीएफओ को सौंप दिया गया है।
गड्ढों को बताया जा रहा था डबरी
सूत्रों की माने तो जांच अधिकारी जब मौके पर जांच करने के लिए पहुंचे तो वर्तमान में पदस्थ डिप्टी रेंजर व अन्य अधिकारियां द्वारा निर्धारित स्थल के आस-पास स्थित गड्ढों को दिखाया जा रहा था जबकि डबरी निर्माण व्यवस्थित तरीके से होता है।
कौन थे संबंधित अधिकारी
वर्ष २०२० में खरसिया क्षेत्र में रेंजर के रूप में छोटेलाल डनसेना पदस्थ थे जो कि वर्तमान में रायगढ़ रेंजर के रूप में कार्यरत है। चेक में दस्तखत भी उक्त रेंजर का होना शिकायत में बताया गया है। इसके अलावा बिल को प्रमाणित करने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई के लिए लिखा गया है।
वर्सन
खरसिया में डबरी निर्माण मामले को लेकर हुई शिकायत की जांच की गई है। जांच में एक भी डबरी नहीं मिला है। इस मामले में रिपोर्ट तैयार कर कार्रवाई के लिए अनुश्ंासा करते हुए उच्च अधिकारियों को सौंप दिया गया है।
आरआर पैंकरा, एसडीओ वन मंडल रायगढ़
Published on:
01 Mar 2022 08:37 pm
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