
6 माह में हार्ट अटैक के 1000 केस (Photo Patrika)
CG News: @पीलूराम साहू। पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज स्थित एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट (एसीआई) में जनवरी से जून तक यानी 6 माह में हार्ट अटैक के 1000 मरीज आए हैं। सबसे ज्यादा 234 मरीज जनवरी में मिले हैं। जनवरी में हल्की ठंड होती है। ऐसे में सबसे ज्यादा केस मिलना चौंकाने वाला है। आखिर इतने ज्यादा मरीज क्यों आए, यह स्टडी से स्पष्ट हो सकेगा। ज्यादातर मरीजों की एंजियोप्लास्टी की गई। एसीआई प्रदेश का एकमात्र सरकारी अस्पताल है, जहां हार्ट के मरीजों का सभी इलाज हो रहा है। पत्रिका के पास 6 माह में आए हार्ट अटैक के मरीजों का एक डेटा है, जिसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। खास बात ये है कि इन मरीजों में अधेड़ से लेकर बुजुर्ग भी शामिल हैं। सबसे कम उम्र का मरीज 35 साल का बताया जा रहा है।
जनवरी में बाकी माह की तुलना में ज्यादा मरीज चौंकाने वाले इसलिए भी है, क्योंकि इस माह में ज्यादा ठंड नहीं रहती। ठंड में हार्ट अटैक के केस सामान्यत: बढ़ जाते हैं। हो सकता है कि दिसंबर की ठंड का असर मरीजों में जनवरी में देखने को मिला हो। विशेषज्ञ भी यही मानते हैं।
ठंड के सीजन में सर्दी-खांसी का इंफेक्शन हो जाता है। इन्हीं कारणों से जो नसें ब्लॉक हैं, उनमें समस्या शुरू हो जाती है। इसमें हार्ट व ब्रेन की समस्या प्रमुख है। ज्यादा ठंड के कारण नसें सिकुड जाती हैं। इससे ब्लड की सप्लाई भी प्रभावित होती है। इससे हार्ट को पंप करने के लिए ज्यादा ताकत की जरूरत पड़ती है। इससे भी अटैक का रिस्क बढ़ जाता है। ज्यादा गर्मी में भी अटैक की आशंका बढ़ जाती है। अप्रैल में प्रदेश में लू चली थी। यानी भीषण गर्मी थी। इसके बाद भी अप्रैल में जनवरी की तुलना में कम केस आए हैं। अप्रैल में 132 मरीजों का इलाज अटैक के बाद किया गया। इनमें राजधानी के अलावा प्रदेश के अन्य जिले के मरीज शामिल हैं।
जनवरी 234
फरवरी 135
मार्च 144
अप्रैल 132
मई 180
जून 175
कुल 1000
अस्पतालों में हार्ट अटैक के मरीजों की मौत का औसत 10 फीसदी है। डिस्चार्ज होने के एक माह के भीतर इतने ही मरीजों की मौत हो जाती है। एक साल बाद फिर 10 फीसदी मरीज जान गंवा देते हैं। इस तरह सालभर में हार्ट अटैक के 30 फीसदी मरीजों की मौत हो जाती है। हार्ट रोग विशेषज्ञों के अनुसार, मरीज हार्ट अटैक के कितने समय बाद अस्पताल पहुंचता है, ये भी निर्भर करता है। कई बार मेजर हार्ट अटैक के बाद मरीजों की अस्पताल पहुंचने के पहले मौत हो जाती है। कई मामलों में अस्पताल पहुंचने के बाद मौत होती है। यही नहीं, कुछ विशेष मामलों में कैथलैब में प्रोसीजर के दौरान मरीज की जान चली जाती है।
30-59 मरीज अस्पताल पहुंचने के पहले दम तोड़ देते हैं। अस्पताल में 7 प्रतिशत , इलाज के एक साल में 10 प्रतिशत मरीजों की मौत हो जाती है। 5 साल में हार्ट अटैक के 30-40त्न मरीज जान गंवा देते हैं। जीवनशैली में सुधार कर, शराब सेवन व स्मोकिंग से दूर रहकर हार्ट के मरीज होने से बचा जा सकता है। नियमित एक्सरसाइज से भी हार्ट मजबूत होता है। -डॉ. शिवकुमार शर्मा, सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट नेहरू मेडिकल कॉलेज
Updated on:
26 Jul 2025 10:03 am
Published on:
26 Jul 2025 10:02 am
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