7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

हाइपर क्लब गोलीकांड के आरोपी को मौज कराने वाले 2 पुलिसकर्मी सस्पेंड, अस्पताल में भी कर रहा था अय्याशी… कलेक्टर ने की कड़ी कार्रवाई

Raipur Crime News : हाइपर क्लब में हत्या के प्रयास के आरोपी विकास अग्रवाल को कोर्ट में वीआईपी सुविधा देने वाले दोनों सिपाहियों को एसएसपी संतोष सिंह ने निलंबित कर दिया है।

2 min read
Google source verification
cg_police_suspend.jpg

Crime News : हाइपर क्लब में हत्या के प्रयास के आरोपी विकास अग्रवाल को कोर्ट में वीआईपी सुविधा देने वाले दोनों सिपाहियों को एसएसपी संतोष सिंह ने निलंबित कर दिया है। पत्रिका ने स्टिंग से मामले का खुलासा गुरुवार के अंक में किया था, जिसके बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच का जिम्मा सिटी एएसपी लखन पटले और डीएसपी गौरव मिश्रा को सौंपा था।

यह भी पढ़ें : ठेकेदार की लेटलतीफी से सरकार को होगा करोड़ों का नुकसान, 200 करोड़ का प्रोजेक्ट अब पहुंचेगा ढाई सौ करोड़ तक


दोनों अधिकारियों ने मामले से जुड़े वीडियो और ऑडियो की गहन जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत की। रिपोर्ट मिलते ही एसएसपी ने आरक्षक शंकर दयाल त्रिपाठी, आरक्षक राकेश साहू को निलंबित कर दिया है। पुलिस अधीक्षक ने पुलिस लाइन के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जेल से पेशी पर कैदियों को पेशी में लाने वाले पुलिसकर्मियों को समझाइश दी जाए। यदि आगे से ऐसे किसी भी कृत्य में को भी पुलिसकर्मी लिप्त मिला तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।


एसएसपी की अनुशंसा पर कलेक्टर ने आरोपी विकास का गन लाइसेंस किया रद्द

विकास अग्रवाल के खिलाफ थाना तेलीबांधा में हत्या का प्रयास और आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की अनुशंसा पर विकास अग्रवाल का गन लाइसेंस रद्द कर दिया गया है।

यह भी पढ़ें : तेलंगाना के विजय संकल्प यात्रा में शामिल हुए मुख्यमंत्री साय, बोले- कांग्रेस डूबती नैया और भ्रष्टाचार की जननी



यह है मामला

23 फरवरी को हत्या के प्रयास के आरोपी विकास अग्रवाल को पुलिस जेल से कोर्ट लेेकर आई थी। पुलिस ने कोर्ट पहुंचते ही आरोपी की हथकड़ी खोल दी। परिजनों से मुलाकात की खुली छूट दे दी थी। इसके बाद उन्हें खाने-पीने की सुविधा उपलब्ध करा दी थी।


अस्पताल में अययाशी
बता दें कि बीते छह माह तक राजधानी के शासकीय अस्पताल कैदियों की आरामगाह बन गए थे। बीते माह पत्रिका ने डेंटल अस्पताल में हत्या के मामले के दो कैदियों को अस्पताल में पार्टी करने का मामला उजागर किया था, इसके बाद से अब अस्पताल भेजे जा रहे बंदियों की गहन जांच जेल में ही करवाई जा रही है।

दोनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। निलंबन के दौरान उन्हें निर्वाह भत्ता दिया जाएगा।
- संतोष सिंह, एसएसपी, रायपुर