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गरीबों को बांटा जाना था खराब चावल… कीड़े लगने से आ रही थी बदबू, कार्डधारकों के बवाल पर पहुंचे नेता प्रतिपक्ष फिर…

CG Ration: बारिश के दिनों में लोग राशन के लिए न भटकें, इसलिए 3 महीने का चावल एकसाथ दिया जा रहा है। प्रशासन हितग्राही परिवारों की तस्वीरें डालकर चावल उत्सव से आ रही खुशहाली का प्रचार कर रहा है।

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सड़ा चावल बांटा (फोटो सोर्स- पत्रिका)

सड़ा चावल बांटा (फोटो सोर्स- पत्रिका)

CG Ration: बारिश के दिनों में लोग राशन के लिए न भटकें, इसलिए 3 महीने का चावल एकसाथ दिया जा रहा है। प्रशासन हितग्राही परिवारों की तस्वीरें डालकर चावल उत्सव से आ रही खुशहाली का प्रचार कर रहा है। ठीक इसी वक्त में एक और तस्वीर नवापारा से सामने आई है। यहां 70 से 80 परिवारों को सरकारी वादे के मुताबिक तीन महीने का चावल तो मिला, लेकिन इनमें कीड़े लग चुके हैं। बदबू भी आ रही है।

मामला वार्ड 2 में खोलीपारा का है। यह पालिका अध्यक्ष का इलाका है। लोगों ने बताया कि पहले उन्हें हर महीने अच्छा चावल मिलता था। इस बार तीन महीने का राशन एकसाथ दिया गया। यह राशन गीला, कीटग्रस्त और सड़ा हुआ था। लोगों का मानना है कि सड़े चावल को एकसाथ बांटने का उद्देश्य संभवत: इसे जल्दी ठिकाने लगाना था।

इसी बात ने लोगों का गुस्सा भड़का भी दिया है। इसके विरोध में मोहल्ले के लोगों ने आवाज उठाई, तो पालिका से नेता प्रतिपक्ष संध्या राव, वार्ड पार्षद रामरतन निषाद समेत अन्य पार्षद मौके पर पहुंचे। पार्षदों ने खुद चावल की बोरियां देखी। बोरियों से बदबू आ रही थी। इन पर कीड़े चल रहे थे। चावल खाने योग्य नहीं है। इस पर लोगों का कहना था कि ऐसा चावल मवेशियों को भी नहीं दिया जाता। फिर इंसानों को ऐसा चावल क्यों खिलाना?

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1000 बोरी चावल खराब पाए गए

सूत्रों के मुताबिक, अनुभव दुकान में 600 बोरी और संतोष दुकान में 1000 बोरी चावल खराब पाए गए हैं। इन बोरियों से बाहर से कीड़े निकलते देखे गए, लेकिन प्रशासन ने न तो वितरण रोका। न ही मामले की जांच शुरू की। अब सवाल उठता है कि आखिर मामले में हर स्तर पर लापरवाही क्यों बरती जा रही है? मामले में जब फूड इंस्पेक्टर से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने खुद को चावल वितरण से अलग बताते हुए किसी और को जिम्मेदार ठहरा दिया।