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बिना फार्मेसी की पढ़ाई के चला रहे थे मेडिकल स्टोर, ऐसे 4 हजार से ज्यादा मामलों का हुआ बड़ा खुलासा, देखें

CG Raipur News : प्रदेश में 4 हजार से ज्यादा फार्मासिस्ट ऐसे भी हैं जिन्होंने फार्मेसी की पढ़ाई ही नहीं की। केवल अनुभव के आधार पर मेडिकल स्टोर चला रहे हैं।

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बिना फार्मेसी की पढ़ाई के चला रहे थे मेडिकल स्टोर, ऐसे 4 हजार से ज्यादा मामलों का हुआ बड़ा खुलासा, देखें

बिना फार्मेसी की पढ़ाई के चला रहे थे मेडिकल स्टोर, ऐसे 4 हजार से ज्यादा मामलों का हुआ बड़ा खुलासा, देखें

CG Raipur News : फर्जी डिग्री के सहारे फार्मासिस्ट का लाइसेंस लेने वालों के खिलाफ राज्य सरकार ने जांच शुरू कर दी है। प्रदेश में 4 हजार से ज्यादा फार्मासिस्ट ऐसे भी हैं जिन्होंने फार्मेसी की पढ़ाई ही नहीं की। केवल अनुभव के आधार पर मेडिकल स्टोर चला रहे हैं। इस अनुभव का भी कोई प्रमाण नहीं है। (CG Raipur News) फिर भी काउंसिल ने न सिर्फ इनका रजिस्ट्रेशन किया। बल्कि, सालों तक लाइसेंस का रिनीवल भी करती रही। बता दें कि इन 4516 फार्मासिस्टों का पंजीयन मध्यप्रदेश के जमाने में 1980 से लेकर 1990 के बीच हुआ।

तब ये नियम था कि किसी व्यक्ति को मेडिकल स्टोर में 6 माह-सालभर काम का अनुभव है तो उसे फार्मासिस्ट का लाइसेंस मिल सकता है। बाद में इस नियम को विलोपित करते हुए लाइसेंस के लिए फार्मेसी में डिप्लोमा या डिग्री अनिवार्य कर दी गई। (CG Raipur News) अनुभव के आधार पर जिन्हें प्रमाण पत्र पहले ही जारी हो चुके थे, उन्हें मेडिकल चलाने की छूट मिल गई। कायदे से इन अनुभवधारियों का एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट फार्मेसी काउंसिल के पास जमा होना चाहिए। लेकिन, ऐसा नहीं है। काउंसिल के पास इनमें से किसी का भी अनुभव प्रमाण पत्र नहीं है। अब ये कैसे साबित हो कि वाकई इन्होंने कहीं से अनुभव लिया था!

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फर्जी डिग्री मामले में अब जाकर जांच

फर्जी डिग्री मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर गठित कमेटी ने गुरुवार से जांच शुरू कर दी है। आदेश में 3 दिन के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने कहा था। बहरहाल, ऐसा संभव नहीं है। फार्मेसी काउंसिल में 22 हजार से ज्यादा फार्मासिस्ट पंजीकृत हैं। (CG Raipur News) इनके दस्तावेजों की जांच में अभी काफी समय लगेगा। उम्मीद जताई जा रही है कि अच्छी तरह से जांच की जाए तो कई बड़े खुलासे होंगे।

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छत्तीसगढ़ काउंसिल- कागज जल गए, मध्यप्रदेश काउंसिल- ऐसा हुआ ही नहीं

बीते दिनों फार्मासिस्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने कुछ समय पहले छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल से अनुभवधारियों का प्रमाण पत्र मांगा था। (CG Raipur News) काउंसिल ने बताया कि मध्यप्रदेश से रेकॉर्ड ही नहीं आए। ये भी बताया कि मध्यप्रदेश में हुई एक आगजनी में इनके सारे एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट जल गए थे। पीएआई ने मध्यप्रदेश फार्मेसी काउंसिल में आरटीआई लगाकर जब इस बारे में पूछा गया तो जवाब आया कि ऐसी कोई आगजनी नहीं हुई है जिसमें छत्तीसगढ़ के अनुभवधारियों के प्रमाण पत्र जले हों।

जांच शुरू हुई है तो सभी की जांच होगी। (CG Raipur News) फर्जी डिग्री के साथ अनुभवधारी फार्मासिस्टों का भी रेकॉर्ड चेक किया जाएगा। किसी भी तरह की गड़बड़ी मिले, रिपोर्ट बनाकर शासन को जानकारी देंगे।

- डॉ. मिथिलेश चौधरी, सदस्य, जांच कमेटी