
CG News: देशभर में प्रदूषण कम करने की कवायद की जा रही है, लेकिन राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एसपीसीबी) और केंद्र शासित प्रदेशों में प्रदूषण नियंत्रण समितियों (पीसीसी) में करीब आधे पद खाली पड़े हैं। ग्यारह राज्यों में 60% से अधिक पद रिक्त हैं।
छत्तीसगढ़ में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के 60 प्रतिशत पद खाली हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ओर से राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में दायर हलफ़नामे के मुताबिक, देश के कई राज्यों में प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों में करीब आधे पद खाली पड़े हैं। इनमें से 11 राज्यों में 60 प्रतिशत से ज़्यादा पद रिक्त हैं।
यह खुलासा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ओर से राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में दायर हलफनामे में हुआ। हलफनामे के मुताबिक देश में एसपीसीबी और पीसीसी में 11,562 स्वीकृत पदों में से 5,671 (49.04 फीसदी) खाली हैं। इनमें से कुछ दशकों से खाली पड़े हैं।
पंजाब एसपीसीबी में एक पद 35 साल (423 महीने) से अधिक समय से खाली है। नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश ही ऐसे दो राज्य हैं, जिनमें सभी पद भरे हुए हैं। हलफनामे में सिक्किम सरकार ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया को रोककर रखा गया है, क्योंकि राज्य धन आवंटित करने में असमर्थ है।
देश में मध्य प्रदेश एसपीसीबी में सबसे अधिक 1228 पद स्वीकृत हैं। राज्य में 783 पद अदालती कार्यवाही के कारण रिक्त हैं। सिक्किम में सबसे छोटा एसपीसीबी है, जहां केवल 11 पद हैं।
CG News: सीपीसीबी और एसपीसीबी की स्थापना जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के तहत की गई थी। एसपीसीबी की जिम्मेदारियों में जल प्रदूषण की जांच और अनुसंधान करना, जल प्रदूषण के मामलों पर राज्य सरकार को सलाह देना है। अब वायु प्रदूषण, पर्यावरण संरक्षण, अपशिष्ट प्रबंधन और ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम की जिम्मेदारी भी दी गई है।
Updated on:
25 Sept 2024 11:44 am
Published on:
25 Sept 2024 11:37 am
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