युवतियों को आगे कर रहे ठग इस तरह की ठगी के पीछे साइबर ठगों का ही हाथ है। अब युवतियों को आगे करके लोगों को ठग रहे हैं। इसमें युवतियां केवल वाट्सऐप चैटिंग और कॉल में बात करती है। आराम से करीब डेढ़ से दो माह तक अंतरंग बातें करके युवाओं को भावनात्मक रूप से जोड़ती है। इसके बाद अपनी बातें मनवाती हैं। चूंकि पहले ही शादी करने के लिए सहमति दे चुकी होती है, इस कारण पीडि़त युवक उनकी बात मानने लगते हैं।
केस-1 अस्पताल खोलने के सपने दिखाए एम्स के डॉक्टर सुनील ने मैट्रिमोनियल साइट में अपना बायोडाटा दिया। उसके जरिए राधिका मुखर्जी नामक युवती ने डॉक्टर से संपर्क किया। फिर दोस्ती की। दोनों में शादी की बात चली। करीब दो माह तक दोनों अंतरंग बातें करते रहे। फिर महिला ने डॉक्टर को शेयर ट्रेडिंग के लिए उकसाया। डॉक्टर ने मना कर दिया, तो महिला ने उन्हें कहा कि निवेश करने से भारी फायदा मिलेगा। उस मुनाफे के पैसों से दोनों नया अस्पताल खोलेंगे। बार-बार जिद करने पर डॉक्टर ने महिला के बताए मोबाइल ऐप के जरिए 46 लाख लगाए, लेकिन एक पैसा नहीं मिला।
केस-2, कार के लिए उधार, पिता को बताया बीमार मुस्लिम मैट्रिमोनियल साइट निकाह फॉरएवर में कोतवाली इलाके के फल कारोबारी अब्दुल ने अपना बायोडाटा दिया। साइट के जरिए सादिया शेख नामक युवती ने कारोबारी से दोस्ती की। दोनों में चैटिंग व बातचीत होती रही। फिर सादिया ने शादी का हवाला देकर कारोबारी से ऑनलाइन गोल्ड ट्रेडिंग करने कहा। कारोबारी ने 8 लाख लगाए। फिर युवती ने कार खरीदने के लिए कारोबारी से 6 लाख उधार लिया। इसके बाद वह अपने पिता को हार्ट की बीमारी बताकर पैसों की मांग करने लगी। कारोबारी को ठगी का एहसास हुआ। वह कुल 14 लाख ठगा गया।
साइबर ठगी करने वाले लोगों को झांसा देने कई तरीके अपनाते हैं। इस तरह के मामलों को लेकर युवाओं को अलर्ट रहना चाहिए। फोन से संपर्क हुए किसी अनजान युवती या युवक के कहने पर लाखों रुपए नहीं लगाने चाहिए। साइबर ठगों के खिलाफ पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है।
-डॉ. लाल उमेद सिंह, एसएसपी, रायपुर