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आधार-पैन लिंक होने से अब नहीं हो सकेगी जमीनी धोखाधड़ी, इन चीजों में भी मिलेगा लाभ

Raipur News : छत्तीसगढ़ में पंजीयन विभाग जमीन के दस्तावेजों के पंजीयन केंद्र की एनजीआरडीएस (राष्ट्रीय सामान्य दस्तावेज पंजीकरण प्रणाली) सॉफ्टवेयर को लागू करने की तैयारी की जा रही है।

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आधार-पैन लिंक होने से जमीनी जालसाजी की आशंका होगी खत्म, मिलेंगे ये फायदे

आधार-पैन लिंक होने से जमीनी जालसाजी की आशंका होगी खत्म, मिलेंगे ये फायदे

जितेंद्र दहिया

Raipur News : छत्तीसगढ़ में पंजीयन विभाग जमीन के दस्तावेजों के पंजीयन केंद्र की एनजीआरडीएस (राष्ट्रीय सामान्य दस्तावेज पंजीकरण प्रणाली) सॉफ्टवेयर को लागू करने की तैयारी की जा रही है। जिसमें अब आधार एवं पैन से जोड़कर खरीदने व बेचने वाले की शिनाख्ती एवं दस्तावेजों का वेरिफिकेशन ऑनलाइन किया जा सकेगा। राजधानी में दूसरे के आधार और पेनकार्ड में फोटो लगाकर दूसरे की जमीन बेचने के कई मामले आ चुके हैं।

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Raipur News : अब इस सिस्टम से इस तरह की जालसाजी की संभावना पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। अभी सिर्फ संपत्ति के मालिकाना हक की जांच के लिए राजस्व विभाग के भुईंया सॉफ्टवेयर से इसका इंटीग्रेशन है। एनआईसी पुणे के इस सॉफ्टवेयर को रायपुर से पायलेट प्रोजेक्ट के तहत शुरू करने की तैयारी की जा रही है। एनजीआरडीएस सॉफ्टवेयर को देश के 11 राज्यों द्वारा अपनाया जा चुका है। छत्तीसगढ़ इसे अपनाने वाला 12वां राज्य है।

अब आधार एवं पैन इंटीग्रेशन से जोड़कर जमीन के खरीदार और बिक्री करने वाले पक्षकारों की शिनाख्ती एवं वेरिफिकेशन ऑनलाइन का सिस्टम डवलप किया जा रहा है। एनजीआरडीएस सॉफ्टवेयर सिस्टम से पंजीयन कराने की तैयारी की जा रही है।

- किरण कौशल, महानिरीक्षक पंजीयक

अभी बीओटी से संचालित है ई-पंजीयन

प्रदेश के उप पंजीयक कार्यालयों में दस्तावेजों का रजिस्ट्रेशन कार्य कम्प्यूटरीकृत ई-पंजीयन प्रणाली से किया जाता है। वर्तमान में यह कार्य बीओटी पद्धति के तहत निजी कंपनी आई-सेल्युशन द्वारा इस साल तक सितंबर तक संचालित होगा।

ये होंगे फायदे

- जिस जमीन की शासन ने खरीदी बिक्री पर रोक लगा रखी है, वह ऑनलाइन दिखाई देगी।

- फर्जी आधार और पेन कार्ड के माध्यम से रजिस्ट्री नहीं हो पाएगी।

- नई व्यवस्था के लागू होने पर दस्तावेजों का पंजीयन आसान हो जाएगा।

- पंजीयन का काम कम समय में किया जा सकेगा।

- दोनों पक्षों को पंजीयन कार्यालय में कम समय रुकना पड़ेगा।

- पंजीयन के दस्तावेज भी उसी दिन दिये जा सकेंगे।

- नई व्यवस्था से रजिस्ट्री की कॉपी को ऑनलाइन उपलब्ध कराया जा सकेगा।

- रजिस्ट्री की नकल भी आसानी से मिल सकेगी।

- इस प्रणाली में दस्तावेजों का पंजीयन ऑनलाइन सिस्टम से किया जाएगा।

- सभी डाटा एनआईसी के क्लाउड सर्वर में सुरक्षित रखा जाएगा।

ऐसी होगी प्रक्रिया

एनजीडीआरएस प्रणाली से रजिस्ट्री के लिए दस्तावेजों में वेबसाइट http//www.ngdrs.cg.gov.in/NGDRS_CG के सिटीजन विंडो में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद सिटीजन लॉगिन कर संबंधित उप पंजीयन कार्यालय एवं अभिलेख प्रकार का चयन करना है। ऑनलाइन फार्म में पक्षकारों और संपत्ति का विवरण को भरने पर स्वत: बाजार मूल्य, स्टाम्प शुल्क एवं पंजीयन शुल्क की गणना होने के बाद ऑनलाइन भुगतान करना होगा। निर्धारित तारिख एवं समय में पंजीयन कार्यालय में उपस्थित होकर मूल दस्तावेज का वेरिफिकेशन, लीगल स्वीकृति की जांच कराना होगी। उसी दिन दस्तावेज के पंजीयन किया जाएगा। दस्तावेज को स्कैन करने के बाद पक्षकार को मूल दस्तावेज उसी दिन दे दिए जाएंगे।