
Amarjeet Bhagat Land Scam: आयकर विभाग ने अंबिकापुर में बांग्लादेशी शरणार्थियों को पुनर्वास के लिए दी गई सरकारी जमीन को हड़पने के खेल में पूर्व मंत्री अमरजीत भगत के शामिल होने का आरोप लगाया है। इसकी जांच करने के लिए मुख्य सचिव अमिताभ जैन और डीजीपी अशोक जुनेजा को पत्र लिखा है। 35 पन्नों के इस गोपनीय पत्र में बताया गया है कि किस तरह पूर्व मंत्री द्वारा सिंडिकेट बनाकर अंबिकापुर के सुभाषनगर क्षेत्र और इसके आसपास की जमीन का खेल किया गया। कौडियों के दाम में खरीदने के बाद इसे करोड़ो रुपए में बेचा गया।
आयकर विभाग ने इसे संज्ञेय अपराध बताते हुए पूरे प्रकरण की जांच करने कहा है। बता दें कि आयकर विभाग ने इस वर्ष 31 जनवरी को अमरजीत भगत और उनसे जुड़े कारोबारी और अन्य संबंधित लोगों के यहां छापे की कार्रवाई की गई थी। इस दौरान तलाशी में जमीन खरीदी के दस्तावेज जब्त किए थे। इसकी जांच करने के बाद राज्य सरकार को रिपोर्ट भेजा गई है। साथ ही बताया है कि तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान में बांग्लादेश) की आजादी को लेकर 1971 के भारत-पाक युद्ध हुआ था। इस दौरान बांग्लादेश से आए हुए शरणार्थियों को छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर जिले में पुनर्वास किया गया था। साथ ही जमीन का पट्टा दिया गया था। इसे शरणार्थी पट्टा और स्थानीय बोलचाल में बंगाली पट्टा के नाम से जाना जाता है।
पत्र में सिंडिकेट बनाकर फर्जीवाड़े का उल्लेख
आयकर विभाग ने सीएस और डीजीपी को लिखे पत्र में इस बात का उल्लेख किया गया है कि तत्कालीन मंत्री अमरजीत भगत के एक करीबी कारोबारी इस खेल में सीधे जुड़ा हुआ था। इस रसूखदार आरा मिल कारोबारी द्वारा स्थानीय कलेक्टर से अनुमति प्राप्त कर बहुत कम कीमत पर बंगाली पट्टा खरीदने का सिंडिकेट चलाया। इसके बाद उन्हीं बंगाली पट्टे को भगत के रिश्तेदारों सहित अन्य व्यक्तियों को बहुत अधिक प्रीमियम कीमतों पर बेच दिया। तलाशी के दौरान इसके इनपुट मिले थे। लेकिन, यह आईटी की जांच में नहीं आता है। इसलिए राज्य सरकार को इसके इनपुट दिए गए हैं।
पद के दुरुपयोग का मामला
आयकर विभाग ने आरोप लगाया है कि बांग्लादेश के शरणार्थियों के पुनर्वास के लिए सरकारी भूमि को हड़पा गया। वहीं इसे बेचकर करोड़ रुपए अर्जित किया गया है। साथ ही इसमें कई लोगों के जुडे़ होने की जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में आयकर अधिनियम की धारा 131 के तहत दर्ज किए गए थे। बता दें कि प्रधान आयकर निदेशक सुनील कुमार सिंह द्वारा यह पत्र मुख्य सचिव अमिताभ जैन और डीजीपी अशोक जुनेजा को लिखा गया है।
Updated on:
22 Mar 2024 09:03 am
Published on:
22 Mar 2024 08:54 am
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