
पितृमोक्ष अमावस्या पर श्रद्धापूवर्क विदा हुए पितर देव गायत्री परिजनों ने किया सामूहिक श्राद्ध-तर्पण
रायपुर। Pitrumoksha Amavasya 2023 : पितृमोक्ष आमवस्या पर श्राद्धपूर्वक तर्पण,श्राद्ध करके पितरदेवों को विदा किया गया। इस अवसर पर धार्मिक स्थान महादेवघाट, राजिम में संगम तट और तालाबों में घाटों में लोग अपने पितरों के निमित्त तर्पण करके उनके मोक्ष की कामना की। गायत्री शक्तिपीठ समता कॉलोनी में सामूहिक आयोजन किया गया। पितृमोक्ष अमावस्या पर उन सभी पितरों का श्राद्ध,तर्पण का विधान है, जिनके मृत्यु की तिथि ज्ञात और अज्ञात होती है। इसलिए घरों से लेकर तालाब, नदी घाटों में लोग पितरों को अक्षत, तिल आदि अर्पण कर श्रद्धापूर्वक विदा किए। दूधाधारी मठ के महंत रामसुंदर दास ने खारुन नदी में तर्पण किया।
गायत्री शक्तिपीठ समता कॉलोनी में सैकड़ो परिजनों ने सामूहिक श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान में हिस्सा लिया।यहां आए लोगों के लिए नि:शुल्क श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान में पुरुषों के साथ महिलाओं ने अपने पितरों को याद करते हुए विधि विधान से परिजन पूजा अर्चना किए और उनके निमित्त भोजन स्वरूप प्रसादी कराया। गायत्री परिवार ट्रस्ट का मानना है कि पितरों के मोक्ष और सम्मान परिजनों का दायित्व है। मीडिया प्रभारी आरके शुक्ला ने बताया कि पितृ पक्ष के पहले दिन से ही गायत्री शक्तिपीठ समता कॉलोनी रायपुर में श्राद्ध तर्पण और पिंडदान लोगों ने अलग-अलग तिथियों पर किया।
भोजपुरी समाज के सदस्यों ने सामूहिक तर्पण किया
अखिल भारतीय भोजपुरी समाज के सदस्यों ने खारुन नदी के महादेवघाट में सुबह 8 बजे से सामूहिक रूप से पितरों का तर्पण कर आशीर्वाद प्राप्त किया। पंडित रंजीता नंद मिश्र ने बताया कि पितरों के निमित्त पिंडदान करने से दीर्घायु,य श, कीर्ति, धन धान्य, सुख समृद्धि, सौभाग्य तथा मोक्ष की प्राप्ति होती हैं। वयोवृद्ध 98 वर्षीय अवध नारायण सिंह अपने चार पीढ़ियों के साथ 11 वर्षीय परपौत्र आदित्य राजे सिंह के साथ पहुंचे थे। प्रदेश अध्यक्ष मुक्तिनाथ पांडे ने बताया की इस तरह के तर्पण के आयोजन हर वर्ष भोजपुरी समाज द्वारा किया जाएगा।
Updated on:
15 Oct 2023 09:13 am
Published on:
15 Oct 2023 09:11 am
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