
Coal scam case: कोल स्कैम में जेल भेजी गई राज्य सेवा की निलंबित अधिकारी सौम्या चौरसिया की अग्रिम जमानत को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। आय से अधिक मामले में ईओडब्ल्यू में प्रकरण दर्ज होने के बाद जमानत के लिए आवेदन लगाया गया था।
बचाव पक्ष ने विशेष न्यायाधीश निधि शर्मा तिवारी की अदालत में दलील पेश करते हुए बताया कि उनके पक्षकार को झूठे प्रकरण में फंसाया गया है। जिन संपत्तियों को रिश्तेदारों और परिचितों के नाम से खरीदना बताया गया है वह स्वयं के द्वारा खरीदा गया है। एफआईआर में ऐसा कोई तथ्य नहीं है कि उक्त संपत्तियों के प्रतिफल की राशि अदा की गई। पिछले 1 साल 10 महीने से अभिरक्षा में रखा गया है।
इसके चलते उनके बच्चे मातृत्व सुख से वंचित हैं। अभियोजन पक्ष ने जमानत आवेदन का विरोध करते हुए कहा कि शासकीय सेवा में रहने के दौरान आय से अधिक चल-अचल संपत्तियां खरीदी गई। इसके संबंध में अभी तक पूछताछ नहीं की गई है।
छापेमारी के दौरान तलाशी में इसके दस्तावेज मिले हैं। इसके संबंध में उप पंजीयक और अन्य विभागों से जानकारी जुटाई जा रही है। जमानत दिए जाने पर साक्ष्य को प्रभावित कर सकती है। इस समय आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच चल रही है। इसे देखते हुए जमानत नहीं दिए जाने का अनुरोध किया।
विशेष न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद जमानत आवेदन को खारिज कर दिया। वहीं महादेव सट्टा में जेल भेजे गए निलंबित आरक्षक भीम सिंह यादव के जमानत आवेदन पर बचाव पक्ष की ओर से समय मांगने पर सुनवाई को एक दिन के लिए आगे बढ़ा दिया गया है। अब इस पर 24 सितंबर को दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत अपना फैसला देगी।
Published on:
24 Sept 2024 01:00 pm
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