
CG Chit Fund Companies: चिटफंड कंपनियों से ठगे गए लाखों लोगों को अब तक राहत नहीं मिल पाई है। घर-खेत बेचकर कंपनियों में पैसा लगाने वाले कई पीड़ित सरकारी कार्यालयों में चक्कर काट रहे हैं। उनका रकम अब तक वापस नहीं हो पाया है। इसकी बड़ी वजह चिटफंड कंपनियों की संपत्तियों की कुर्की नहीं हो पाना है। इसमें काफी समय लग रहा है।
रायपुर जिले में ही चिटफंड कंपनियों की 19 करोड़ से अधिक की संपत्तियां हैं। इनकी कुर्की नहीं हो पा रही है। कोर्ट-कचहरी की जटिल की प्रक्रिया में उलझकर रह गई है। उल्लेखनीय है कि करीब 6 साल से यह प्रक्रिया चल रही है। इसमें चिटफंड कंपनियों की संपत्तियों को कुर्क करके उससे मिलने वाली राशि को पीड़ितों को बांटना है।
अगस्त 2021 में 25 लाख 72 हजार 223 पीड़ितों ने चिटफंड कंपनियों (CG Chit Fund Companies) के खिलाफ कार्रवाई और रकम वापसी के लिए आवेदन किया था। इसमें अलग-अलग जिले शामिल हैं। रायपुर में भी 50 हजार से अधिक पीड़ितों ने आवेदन किया था।
CG Chit Fund Companies: सरकारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश के अलग-अलग जिलों में वर्ष 2015 से 29 फरवरी 2024 तक 214 कंपनियों के खिलाफ थानों में अपराध दर्ज किया गया है। कंपनियों के डायरेक्टरों और अन्य स्टाफ के खिलाफ 468 प्रकरण पंजीबद्ध किए गए हैं। इसमें से 404 मामले में चालान कोर्ट में पेश कर दिया गया है। सात मामलों का खात्मा हुआ है। 3 प्रकरण खारिज हो गए हैं। बाकी में विवेचना, गिरफ्तारी बाकी हैं।
रायपुर सहित प्रदेशभर में चिटफंड कंपनियों ने 6 हजार 800 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी की है। इनमें से केवल 44 करोड़ 76 लाख रुपए ही पीड़ितों को वापस हो पाया है। रायपुर जिले में भी केवल 5 करोड़ रुपाए ही पीड़ितों को बांट पाए हैं। यहां के अधिकांश निवेशकों को राशि नहीं मिल पाई है। (CG Chit Fund Companies) जिला प्रशासन के खाते में 20 लाख रुपए अब भी जमा है। इस राशि को भी अधिकारियों ने पीड़ितों में नहीं बांटा है। पहले आचार संहिता का हवाला देते रहे, लेकिन अब आचार संहिता खत्म होने के बाद भी काम नहीं कर रहे हैं।
CG Chit Fund Companies: रायपुर की बीएन गोल्ड रियल स्टेट लिमिटेड, सनसाइन इंफ्रा बिल्ड कार्पोरेशन लिमिटेड, गुरुकृपा इंफ्रा रियालटी इंडिया कंपनी, किम इंफ्रास्ट्रक्चर, एसपीएनजे कंपनी आदि चिटफंड कंपनियों की 9 संपत्तियां हैं। इन्हें कुर्क करना है। यह संपत्तियां चिरहुलडीह, तिल्दा, छछानपैरी, डंगनिया, आरंग, सरोरा आदि में हैं। इन संपत्तियों को कुर्क करने की प्रक्रिया इतनी धीमी चल रही है कि पीड़ितों को लाभ मिलने में कई साल लग सकते हैं।
रायपुर अपर कलेक्टर कीर्तिमान सिंह राठौर ने बताया कि चिटफंड कंपनियों की संपत्तियों की कुर्की की प्रक्रिया चल रही है। तीन कंपनियों ने कुर्की पर स्टे ले लिया है। इस कारण प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई है।
Updated on:
30 Aug 2024 12:47 pm
Published on:
30 Aug 2024 12:37 pm
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