#OnlineSatta: ईडी की प्रारंभिक जांच में हुआ खुलासा, गांवों तक फैला ऑनलाइन सट्टा का कारोबार
रायपुर. ऑनलाइन सट्टा के लिए केवल महादेव बुक ऐप ही नहीं बनाया गया है, बल्कि दर्जन भर से ज्यादा वेबसाइट और ऐप भी बनाए गए हैं। इसके माध्यम से बड़े पैमाने पर रोज करोड़ों रुपए का सट्टा लिया जा रहा था।
ईडी की प्रारंभिक जांच में इसका खुलासा हुआ है। महादेव बुक ऐप के संचालक सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल और उसके साथियों ने सुनियोजित ढंग से ऑनलाइन सट्टे का कारोबार व्यापक स्तर पर शुरू किया। इससे रोज करोड़ों रुपए की कमाई हो रही थी।
शहर के बुकी फरार
पुलिस के बाद आईडी की कार्रवाई को देखते हुए कई शहर के कई बुकी फरार हो गए हैं। महादेव बुक ऐप की आईडी बंद कर दिया है। चंद्रभूषण वर्मा और सतीश चंद्राकर की गिरफ्तारी के बाद से ही कई बुकी ने आईडी ही बंद कर दिया है।
इन वेबसाइटों का करते थे इस्तेमाल
आरोपी सौरभ, रवि और उसके साथी ऑनलाइन सट्टे के लिए आईडी बेचने के लिए laserwy. com, laserbookwy. com, www. betbhai. com, betbookwy. com, tigerexchwy. com, www. cricketbet. com आदि जैसी कई वेबसाइटों का इस्तेमाल करते थे। इनके जरिए महादेव बुक की आईडी बेचा करते थे।
एक-एक आईडी के लिए 20 से 30 लाख रुपए तक लेते थे। इसके अलावा महादेव बुक ऐप, अन्ना रेड्डी, बेटभाई आदि मोबाइल ऐप के जरिए सट्टा खिलाते थे।
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ऐप के अलावा ऑनलाइन गेमिंग
भीमहादेव बुक ऐप के संचालक इस ऐप के अलावा ऑनलाइन गेमिंग के जरिए भी बड़ी कमाई कर रहे हैं। महादेव बुक ऐप की आईडी खरीदने वालों को पोकर, कार्ड गेम, चांस गेम, क्रिकेट पर सट्टा, बैडमिंटन, टेनी, फुटबॉल सहित तीन पत्ती, पैटी, पोकर, ड्रैगन टाइगर, कार्ड, वर्चुअल क्रिकेट गेम खेलने की सुविधा देते थे। इससे लोगों में जुआ खेलने की प्रवृत्ति बढ़ी है।
महादेव बुक ऐप की आईडी चलाने वालों को सट्टे की कुल कमाई का 20 फीसदी कमीशन दिया जाता था। 80 फीसदी सौरभ और रवि के पास दुबई जाता था। एक आईडी में रोज लाखों रुपए के दांव लगते थे और कमाई भी अधिक होती थी। आईडी चलाने वालों 20 फीसदी फायदा होता था। इस कारण बड़ी संख्या में सटोरिए और अन्य लोग आईडी चलाते थे।