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B.Ed Teachers Protest: भारत माता, भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव बनकर बर्खास्त शिक्षकों का प्रदर्शन, जंजीरों में बंधकर की नारेबाजी

B.Ed Teachers Protest: शिक्षक भारत माता, भगत सिंह, राजगुरु एवं सुखदेव बनकर रैली निकालकर प्रदर्शन किया। शिक्षक के हाथों में जंजीर, कैदियों वाले कपड़ा पहने और तिरंगा नारेबाजी करते रहे

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B.ed teachers protest

B.Ed Teachers Protest: सेवा सुरक्षा और समायोजन की मांग को लेकर बीते तीन महीनों से संघर्षरत बी.एड. प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों ने शहीदी दिवस पर रविवार को अलग तरीके से विरोध प्रदर्शित किया। शिक्षक भारत माता, भगत सिंह, राजगुरु एवं सुखदेव बनकर रैली निकालकर प्रदर्शन किया। शिक्षक के हाथों में जंजीर, कैदियों वाले कपड़ा पहने और तिरंगा नारेबाजी करते रहे।

B.Ed Teachers Protest: शहीद भगत सिंह की प्रतिमा तक किया पैदल मार्च

उन्होंने रायपुर के बस स्टैंड से टिकरापारा शहीद भगत सिंह की प्रतिमा तक पैदल मार्च निकाला। इसके बाद शहीदी दिवस पर भगत सिंह को नमन किया और शहीदों की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। शिक्षकों ने शहीदों के बलिदान से प्रेरणा लेते हुए न्याय की लड़ाई जारी रखने की शपथ ली और सरकार से अपील की कि वे शिक्षकों की भावनाओं और उनकी आजीविका के संकट को समझते हुए त्वरित निर्णय लें।

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तीन महीने से जारी है संघर्ष

प्रदेश के हजारों बी.एड. प्रशिक्षित सहायक शिक्षक लगातार सेवा सुरक्षा और समायोजन की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन, क्रमिक अनशन, सामूहिक उपवास, मशाल जुलूस और ज्ञापन सौंपने जैसे शांतिपूर्ण तरीकों से अपनी आवाज उठा रहे हैं। शिक्षकों की मांग है कि सरकार ने बी.एड. धारकों को प्राथमिक शिक्षक के पद पर भर्ती किया था, अब उन्हें अयोग्य ठहराना अन्यायपूर्ण है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राज्य सरकार के पास अधिकार है कि वह इन शिक्षकों को अन्य पदों पर समायोजित करे, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। शिक्षकों का कहना है कि यदि सरकार शीघ्र ही ठोस निर्णय नहीं लेती है, तो उनका आंदोलन और उग्र होगा।

सरकार से मांगें :

  1. सभी बी.एड. प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों को सेवा सुरक्षा दी जाए और उन्हें अन्य पदों में समायोजित किया जाए।
  2. शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों की संख्या पहले से ही कम है, ऐसे में योग्य शिक्षकों को नौकरी से निकालना न केवल अन्याय होगा बल्कि शिक्षा व्यवस्था पर भी नकारात्मक प्रभाव डालेगा।
  3. सरकार को जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान निकालकर शिक्षकों की सेवाएं सुरक्षित करनी चाहिए।