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Babri Masjid Verdict: बाबरी फैसले का रमन, सरोज, रामविचार नेताम, बृजमोहन ने किया स्वागत, जानें किसने क्या कहा

बाबरी केस (Babri Masjid Verdict) में सीबीआई (CBI Special Court) की विशेष अदालत द्वारा सभी 32 लोगों को बरी किए जाने के फैसले का छत्तीसगढ़ के बीजेपी नेताओं (CG BJP Leaders) ने स्वागत किया और इसे न्याय की जीत बताया है।

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रायपुर. बाबरी केस (Babri Masjid Verdict) में सीबीआई (CBI Special Court) की विशेष अदालत द्वारा सभी 32 लोगों को बरी किए जाने के फैसले का छत्तीसगढ़ के बीजेपी नेताओं ने स्वागत किया और इसे न्याय की जीत बताया है। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह (Former Chhattsigarh CM Raman Singh) ने अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को गिराए गए विवादित ढांचे के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले को सत्य की एक बार फिर जीत करार दिया है।

पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने 32 लोगों को सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा बरी किए जाने पर कहा, सत्यमेव जयते। सीबीआई की विशेष अदालत ने आज बाबरी केस में सभी 32 लोगों को बरी कर दिया। 28 साल बाद आये इस फैसले से यह तय हो गया कि अंत में जीत सत्य की ही होती है। कोर्ट के इस फैसले का मैं स्वागत करता हूँ।

राज्य सभा सांसद सरोज पांडेय (Saroj Pandey) ने कहा, सत्यमेव जयते!! लखनऊ की विशेष अदालत द्वारा बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में लालकृष्ण आडवाणी, कल्याण सिंह, डा. मुरली मनोहर जोशी, उमाभारती जी समेत 32 लोगों के किसी भी षड्यंत्र में शामिल न होने के कोर्ट के निर्णय का मैं स्वागत करती हूँ।

राज्य सभा सांसद रामविचार नेताम (Ramvichar Netam) ने कहा, सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं। बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में लालकृष्ण आडवाणी जी, डॉ मुरली मनोहर जोशी जी, कल्याण सिंह जी, उमा जी समेत 32 लोगो के किसी भी षडयंत्र में शामिल न होने के निर्णय का मैं स्वागत करता हूं ।

बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल (BJP MLA Brijmohan Agrawal) ने कहा, बाबरी विध्वंस मामले में धर्म, सत्य एवं न्याय की जीत हुई है। हम इस फैसले का स्वागत करते हैं। सत्यमेव जयते।

अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को गिराए गए विवादित ढांचे के मामले में सीबीआई की विशेष कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाया। अदालत ने इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार समेत सभी 32 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है।

28 साल से चल रहे इस मुकदमे का विशेष जज एस.के. यादव ने अपने कार्यकाल का अंतिम फैसला सुनाते हुए कहा कि अयोध्या विध्वंस पूर्व नियोजित नहीं था। घटना के प्रबल साक्ष्य नही हैं।