
Bageshwar Dham Sarkar Katha In Raipur
Bageshwar Dham Sarkar Katha In Raipur: जोहार छत्तीसगढ़... इस संबोधन के साथ उन्होंने अपनी कथा की शुरुआत की। छत्तीसगढ़ से श्रीराम का नाता बताते करते हुए वे बोले, ये प्रभु का ननिहाल है। वैसे तो भगवान राम पूरी दुनिया के लिए पूजनीय हैं, लेकिन आप उन्हें भांजे के रूप में पूजते हैं। आपसे भाग्यवान कोई नहीं। भारत में शायद ही ऐसी कोई जगह होगा जहां राज्य को मां का दर्जा है। छत्तीसगढ़ को महतारी का दर्जा है। यह भी अपने आप में अद्भुत बात है। ये बात इस ओर इशारा करती है कि यहां की धरती में ममत्व का तीक्ष्ण भाव है। हो भी क्यों न? भगवान श्रीराम की मां कौशिल्या अंबा ने जो यहां जन्म लिया है। जहां भगवान राम की मां जन्मी हों, वहां की धरती नारी प्रधान ही होगी।
आचार्य शास्त्री ने कहा कि आप गुढ़ियारी वाले हनुमान जी का वार्षिकोत्सव हर साल बड़े धूमधाम से मनाते हैं, लेकिन इस साल श्रद्धालुओं की उपस्थिति बताती है कि यह उत्सव अब तक का सबसे भव्य होगा। महाराजश्री ने कथा में माता सीता और उनके भाई प्रयागदास के राखी प्रेम का वर्णन किया। माता सीता के मिथिला में बिताए जीवन वृतांत का वर्णन करते हुए महाराजश्री स्वयं भावुक हो उठे। उन्होंने कहा कि भगवान को आप जिस रूप में स्मरण करेंगे, भगवान उस रूप में प्रकट होंगे। उन्होंने सहज भाव वाले भक्तों के चार प्रकार भी बताए।
राज्यपाल ने कहा- आचार्य का यहां आना गौरव
राज्यपाल अनुसुअर्या उईके, महंत रामसुंदर दास और संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने दीप जलाकर कथा की शुरुआत की। इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का यहां आना समूचे छत्तीसगढ़ के लिए गौरव का विषय है। उन्होंने कहा, श्रीराम कथा हमें मर्यादा में रहना सिखाती है। भगवान राम का जीवन हमारे समाज के लिए एक आदर्श है। श्रीराम के जीवन के हर पहलु से एक नई सीख मिलती है। उनका जीवन हमारा सही मार्गदर्शन करता है। भगवान राम ने न केवल एक शिष्य के रूप में बल्कि एक पुत्र के रूप में, भाई के रूप में तथा राजा के रूप में भी समस्त मानवजाति का मार्गदर्शन किया है।
लाल लंगोटा, हाथ में सोंटा, मुख में बीड़ा पान... पर झूम उठे भक्त
कथा के दौरान बागेश्वर धाम सरकार ने भजन गाया... लाल लंगोटा, हाथ में सोंटा, मुख में बीड़ा पान... गुढ़ियारी वाले हनुमान... इस भजन ने मानो यहां मौजूद हजारों लोगों पर जादू सा कर दिया। जो जहां था, वहीं खड़े होकर झूमने-नाचने लगा। आचार्य शास्त्री ने कथा के दौरान गुढ़ियारी के 400 साल पुराने स्वयं भू हनुमान समेत प्रदेश में विराजमान माता कौशल्या, बम्लेश्वरी माता, दंतेश्वरी माता, भोरमदेव महादेव, राजीवलोचन प्रभु सहित सभी देवी देवताओं को स्मरण कर प्रणाम किया।
Published on:
18 Jan 2023 12:02 pm
बड़ी खबरें
View Allरायपुर
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
