
सोनाखान की लीज पर भूपेश बघेल ने लगाई रोक, दिए इन बातों की समीक्षा के निर्देश
रायपुर. छत्तीसगढ़ के एकमात्र स्वर्ण भंडार महासमुंद जिले के सोनाखान-बाघमाड़ा खदान की लीज पाने वाली कंपनी वेदांता को झटका लग सकता है। खनिज साधन विभाग की समीक्षा बैठक में शनिवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मौजूदा लीज पर आपत्ति जता दी है। उन्होंने अधिकारियों से मौजूदा लीज की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश का मानना है कि सोनाखान का यह इलाका अमर शहीद वीरनारायण सिंह से जुड़ा हुआ है, ऐसे में यहां खनन की अनुमति देने में क्षेत्रीय भावनाओं का ख्याल भी रखना होगा। उन्होंने कहा 1857 के अमर शहीद वीरनारायण सिंह की स्मृतियां हमारी अनमोल धरोहर हैं। उनकी जन्मभूमि और कर्मभूमि पर खनन की अनुमति देना चिंताजनक था। सरकार इस बात की समीक्षा करेगी कि किन परिस्थितियों में अमर शहीद की माटी की खुदाई का निर्णय लिया गया। खनिज साधन विभाग के मुताबिक इस क्षेत्र में 2700 किलोग्राम सोने का भंडार है। केंद्र सरकार ने 26 फरवरी 2016 को इस स्वर्ण ब्लॉक की नीलामी की थी। 12.55 प्रतिशत की उच्चतम बोली लगाकर वेदांता समूह ने इसकी खनन लीज हासिल की थी। इस सौदे से राज्य सरकार को 106 करोड़ रुपए मिलने वाले थे।
मुख्यमंत्री ने जिला खनिज निधि से स्वीकृत लेकिन शुरू नहीं हो पाए काम रोक देने को कहा है। उन्होंने चल रहे निर्माण कार्यों की जांच भी कराने को कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा खनिज निधि का उपयोग खनन प्रभावित लोगों की शिक्षा, स्वास्थ्य, जीवन स्तर सुधारने और आजीविका के सृजन में होना था। लेकिन अफसरों ने गैरजरूरी अधोसंरचना निर्माण में इसका उपयोग किया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जनसंपर्क विभाग से 17 समाचार एजेंसियों की सेवाओं को गैरजरूरी बताकर हटाने के निर्देश दिए हैं। जनसंपर्क विभाग 19 एजेंसियों की सेवाएं ले रहा था। इसके साथ ही उन्होंने विभाग की पत्रिका जनमन का प्रकाशन भी रोकने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा अधिकारी वित्तीय अनुशासन का पालन कड़ाई से करें ताकि भविष्य में इओडब्ल्यू से जांच की जरूरत न पड़े।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव सुनील कुमार कुजूर से तीन दिन के भीतर स्काई योजना की समीक्षा रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि इसके सभी पहलुओं की समीक्षा करें, ताकि योजना का भविष्य तय किया जा सके। पूर्ववर्ती रमन सरकार ने चुनाव से ठीक पहले इस महत्वाकांक्षी योजना के जरिए 50 लाख परिवारों को मुफ्त स्मार्टफोन देने की शुरुआत की थी। लेकिन इसका वितरण पूरा नहीं हो पाया।
Published on:
20 Jan 2019 11:18 am
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