10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Biometric attendance: सरकारी दफ्तरों और स्कूलों में नहीं है यह अटेंडेंस सिस्टम…

Biometric attendance: राजधानी के 60 से ज्यादा छोटे-बड़े निजी संस्थानों के कार्यालयों में नियमित उपिस्थति दर्ज करने के लिए बायोमैट्रिक सिस्टम लगाया गया है।

3 min read
Google source verification
Biometric attendance: सरकारी दफ्तरों और स्कूलों में नहीं है यह अटेंडेंस सिस्टम...

Biometric attendance: सरकारी दफ्तरों और स्कूलों में नहीं है यह अटेंडेंस सिस्टम...

रायपुर। Biometric attendance: राजधानी के 60 से ज्यादा छोटे-बड़े निजी संस्थानों के कार्यालयों में नियमित उपिस्थति दर्ज करने के लिए बायोमैट्रिक सिस्टम लगाया गया है। इसके असर से उनके कार्य के लक्ष्य में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। कुछ संस्थानों के प्रबंधकों ने बताया कि बायोमेट्रिक सिस्टम लगने के बाद कर्मचारी समय से आने के अलावा कार्यालय से समय पर जाने का नियम तय किया गया है। बायोमैट्रिक उपिस्थति के मुताबिक 8 घंटे ही कार्य करना पड़ रहा है। ज्यादा समय उपिस्थति दिखाई देने पर अतिरिक्त वेतन दिया जाता है, जिससे कर्मचारी भी खुश हैं। दूसरी ओर प्रशासनिक उदासीनता से शासकीय कार्यालयों में सिस्टम लागू नहीं हो पा रहा है।

यह भी पढ़ें: लौहनगरी में सिक्ख समुदाय ने मनाई धूमधाम से गुरुनानक देव की जयंती, बड़ी संख्या में जुटे लोग

लोक सेवा गारंटी से निगरानी, उसका भी तोड़

राज्य सरकार ने आम जनता के कार्यों को समय पर पूरा करने के लिए लोक सेवा गारंटी अधिनियम लागू किया है। अहम बात यह है कि समय पर कार्यालय पर आने पर दूर लोक सेवा गारंटी के प्रकरण लंबित होने पर भी कार्रवाई नहीं हो रही है। हालांकि राजस्व विभाग में लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत आने वाले कार्यों की पेंडेंसी कम करने के लिए निरस्तीकरण का हल निकाल लिया गया है। सिर्फ रायपुर तहसील में ही 4 हजार 102 प्रकरण निरस्त किए गए हैं।

यह भी पढ़ें: CG Road Accident: ड्यूटी से घर लौट रहे युवक को ट्रक ने मारी टक्कर, तड़पता रहा सड़क पर, फिर...

आईटी फर्म में बायोमैट्रिक सिस्टम

वीआईपी चौक स्तिथि एक बड़े आईटी फर्म के प्रबंधक ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि संस्थान जब से रायपुर में काम कर रहा है तब से बायोमैट्रिक सिस्टम लगा है। कोरोना के बाद भी एक साल तक सिस्टम लागू नहीं किया गया था, जिसके कारण उपिस्थति तो प्रभावित हुई। इसके साथ ही निर्धारित टारगेट में भी पिछड़ रहे थे। फिर बायोमैट्रिक सिस्टम से उपिस्थति शुरू हुई। अब बेहतर परिणाम आ रहे हैं।


अस्पतालों में बायोमैट्रिक सिस्टम जरूरी
राजधानी के सभी निजी अस्पतालों में बायोमैट्रिक उपिस्थति रेकार्ड हो रही है। पचपेढ़ी नाका िस्थत एक कैंसर अस्पताल के प्रबंधक ने बताया कि अस्पताल आवश्यक सेवाओं में आता है। यहां समय मरीज के जीवन-मृत्यु की तरह अनमोल है। इसलिए बायोमैट्रिक सिस्टम बीते 10 वर्षों से लगाया गया है। जब पहली शिफ्ट के कर्मचारी आते हैं तभी दूसरे शिफ्ट की छुट्टी होती है। इसलिए यह सिस्टम अनिवार्य है।


बायोमैट्रिक सिस्टम से संस्थान को फायदा
प्रोग्रेसिव प्वाइंट लालपुर की एक फायनेंस कंपनी के उप प्रबंधक ने बताया कि प्रशासनिक कर्मचारियों द्वारा ली गई छुट्टियों की रिकॉर्डिंग, साथ ही आधे दिन, देर से चेक-इन, ओवरटाइम या अतिरिक्त दिन की भी गणना आसान हो जाती है। पहले हमारे कार्यालय में अकाउंटेंट के तीन सहायक होते थे अब सिर्फ एक ही है। इस सिस्टम के मदद से हर माह की 1 तारीख को वेतन दे दिया जाता है।


निजी संस्थानों के प्रबंधकों के मुताबिक लाभ
- स्टाफ की ट्रैकिंग और निगरानी आसान हो जाती है और उनकी गणना आसान हो जाती है।
- भारी रजिस्टरों और स्प्रेड शीटों की आवश्यकता के बिना उपस्थिति रिकॉर्ड आसानी से बनाया जा सकता है।
- एक बटन के स्पर्श पर समेकित और श्रेणी-वार रिपोर्ट तैयार हो जाती है। जिससे वेतन रेकार्ड बनाने में सहूलियत होती है।
- उपिस्थति का विश्लेषण त्वरित और सटीक हो जाता है, दैनिक, मासिक, वार्षिक और श्रेणी-वार रिपोर्ट और रुझान सचित्र या ग्राफिकल प्रारूप में डैशबोर्ड पर दिखाई देते हैं।

यह भी पढ़ें: Raigarh News : गौशाला के पीछे मिला बछड़े का कटा सिर, आक्रोशित लोगों ने किया हंगामा

डिजिटल सॉल्यूशन, पूर्व प्रबंधक, विनोद अरोरा ने कहा-

बायोमैट्रिक सिस्टम का लाभ संस्थान के अलावा कर्मचारियों को भी मिलता है। शासकीय क्षेत्र में प्रबंधन और कर्मचारियों के अलावा आम जनता को भी इससे लाभ मिल सकता है। निजी संस्थानों में आर्थिक प्रबंधन के लिए जरूरी है।