script49 सालों से इस भाजपा नेता ने नहीं चखा है नमक का स्वाद, वजह जान तारीफ करने से नहीं रोक पाएंगे खुद को | BJP leader Nandkumar not eaten salt for last 49 years to ban alcohol | Patrika News

49 सालों से इस भाजपा नेता ने नहीं चखा है नमक का स्वाद, वजह जान तारीफ करने से नहीं रोक पाएंगे खुद को

locationरायपुरPublished: Aug 20, 2019 07:25:42 pm

Submitted by:

Karunakant Chaubey

छत्तीसगढ़ देश में सबसे ज्यादा शराब खपत करने वाला राज्य है और यहाँ एक गंभीर समस्या है। विधासनभा चुनाव में शराब बंदी महत्वपूर्ण मुद्दा भी था

Nandkumar Sai

49 सालों से इस भाजपा नेता ने नहीं चखा है नमक का स्वाद, वजह जान तारीफ करने से नहीं रोक पाएंगे खुद को

जशपुर. शराब समाज में फैला वो जहर है जिसने ना जाने कितनी ही जिंदगी उजाड़ दी। इसकी लत ने बड़े बड़ों को भिखारी तक बना दिया लेकिन इसके बावजूद इसकी बिक्री और सेवन बदस्तूर जारी है। छत्तीसगढ़ देश में सबसे ज्यादा शराब खपत करने वाला राज्य है और यहाँ एक गंभीर समस्या है। विधासनभा चुनाव में शराब बंदी महत्वपूर्ण मुद्दा भी था।

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15 साल बाद सत्ता में आयी कांग्रेस ने भी विधासनभा चुनाव के दौरान शराब बंदी का वादा किया था। जिसका फायदा भी कांग्रेस को मिला। फिलहाल चुनाव जितने के बाद से अब तक उसने इस दिशा में कुछ खास प्रयास नहीं किया है। विपक्ष सरकार को आये दिन इस मुद्दे पर घेरने की राजनीति करती रहती है।लेकिन इस सब से परे एक नेता ऐसा भी है जिसने बिना शोर शराबे के आदिवासियों से शराब छुड़वाने के लिए जो प्रयास किया है वो सराहनीय है।

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अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष नंदकुमार साय ने आदिवासियों का शराब छुड़वाने के लिए पिछले 50 साल से मुहीम छेड़ रखा है। यही नहीं उन्होंने अपने इस मुहीम को पूरा करने के लिए पिछले 49 साल से नामक खाना भी छोड़ दिया है।

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आदिवासी नेता नंदकुमार साय अविभाजित मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ से तीन बार लोकसभा सांसद, दो बार राज्यसभा सांसद, तीन बार विधायक रहे हैं। इसके अलावा साय अविभाजित मध्यप्रदेश के भाजपा के अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रथम नेता प्रतिपक्ष तथा छत्तीसगढ़ भाजपा के अध्यक्ष के तौर पर अपनी भूमिका निभा चुके हैं।

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इस दौरान उन्होंने देखा कि शराब की वजह से हजारों लोगों की की जिंदगी बर्बाद हो रही है। इस लत की वजह से कई परिवार तबाह हो रहे हैं। यहाँ तक की इस लत के कारण लोग दाने-दाने को मोहताज हो रहे हैं। लोगों की इस तकलीफ के कारण उन्होंने लोगों के शराब की लत को छुड़वाने के लिए प्रयास करना शुरू किया।

नंदकुमार साय ने सुनाई कहानी

सन 1970 में जशपुर के ही एक गांव में शराब बंदी के लिए बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें ग्रामीणों ने शराबबन्दी और शराब छोड़ने के मुद्दे पर नंदकुमार साय से कहा कि आपके तमाम प्रयास के बाद भी लोग शराब नहीं छोड़ रहे है। तो उन्होंने कहा की ऐसा क्या किया जाय की लोग शराब पीना छोड़ दें।

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ग्रामीणों ने कहा कि अगर अगर कोई व्यक्ति नमक का त्याग कर देता तो उसे आदर्श मानकर सारे ग्रामीण शराब छोड़ देंगे।तब से अबतक नंदकुमार साय ने नमक नहीं खाया और पिछले 49 साल से लगातार शराबबंदी के लिए प्रयासरत हैं। उनका मानना है की मजबूत इक्षाशक्ति हो तो बिहार और गुजरात की तरह छत्तीसगढ़ में भी शराबबंदी को सफल बनाया जा सकता है।

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