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ऑनलाइन ठगों के जाल में फंस गए फाइनेंस ऑफिसर, ऐसे गंवा दिए 55 लाख रुपए, रहें सावधान

Online Fraud In CG : विधानसभा इलाके में शेयर बाजार के नाम पर एक कारोबारी से 77 लाख से ज्यादा की ऑनलाइन ठगी करने के बाद साइबर ठगों ने तेलीबांधा के एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के फायनेंस ऑफिसर को निशाना बनाया।

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ऑनलाइन ठगों के जाल में फंस गए फाइनेंस ऑफिसर, ऐसे गंवा दिए 55 लाख रुपए, रहें सावधान

ऑनलाइन ठगों के जाल में फंस गए फाइनेंस ऑफिसर, ऐसे गंवा दिए 55 लाख रुपए, रहें सावधान

रायपुर. विधानसभा इलाके में शेयर बाजार के नाम पर एक कारोबारी से 77 लाख से ज्यादा की ऑनलाइन ठगी करने के बाद साइबर ठगों ने तेलीबांधा के एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के फायनेंस ऑफिसर को निशाना बनाया। कंपनी के डायरेक्टर का डीपी लगे नंबर से वाट्सऐप मैसेज किया और दो बार में 55 लाख से ज्यादा रकम जमा करने कहा।

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तेलीबांधा पुलिस कर रही है जांच

फाइनेंस ऑफिसर भी यह देखते हुए कि अनजान मोबाइल नंबर है, केवल डीपी में डायरेक्टर का फोटो लगा था। इसके बाद भी दो बार में 55 लाख से ज्यादा रकम आरोपी के बताए बैंक खाते में जमा कर दिया। बाद में डायरेक्टर को इसकी जानकारी हुई, तो मामला पुलिस तक पहुंचा। पुलिस ने अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है।

पुलिस के मुताबिक डीवी प्रोजेक्ट लिमिटेड में सीएफओ सतीश सरावगी के पास 14 सितंबर को मोबाइल नंबर पर मोबाइल नंबर से 8876262064 दोपहर 2.44 बजे वॉट्सऐप मैसेज आया। इसकी डीपी में कंपनी के डायरेक्टर दिनेश कुमार पटेल का फोटो लगा था। मैसेज में कहा गया था कि 25 लाख 90 हजार 609 रुपए अमन कुमार शर्मा के बैंक खाता में जमा करवा दें।

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उसमें बैंक खाता भी दिया गया था। पहले तो सतीश ने इसे अनदेखा किया, लेकिन बार-बार मैसेज भेजकर रकम तत्काल आरटीजीएस करने कहा गया। इसके अलावा लैंडलाइन नंबर पर भी अज्ञात व्यक्ति ने उनके ऑफिस के रिसेप्शन में फोन किया और वॉट्सऐप मैसेज पर तत्काल एक्शन लेने कहा। इसके बाद सतीश ने कंपनी के खाते से वाट्सऐप मैसेज से भेजे गए बैंक खाते में 25 लाख 90 हजार 609 रुपए जमा करवा दिया।

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सोशल मीडिया से लेते हैं फोटो

इस तरह की साइबर ठगी करने वाले बड़े कारोबारी, अफसर और कंपनी के डायरेक्टरों का फोटो उनके सोशल मीडिया अकाउंट से कॉपी करते हैं। इसके बाद उनकी कंपनी के बड़े अधिकारी का मोबाइल नंबर निकालते हैं। फिर अपने वॉट्सऐप में उनका फोटो लगाकर उनके मातहतों को वाट्सऐप मैसेज करते हैं, ताकि डीपी देखकर उन्हें सामने वाला अपना बॉस ही समझे। अक्सर खुद को मीटिंग में बातकर केवल वाट्सऐप चैटिंग करते हैं। इस कारण कर्मचारी उनके झांसे में फंस जाते हैं। फिलाहल तेलीबांधा पुलिस ने अज्ञात ठगों के खिलाफ अपराध दर्ज कर उनकी पतासाजी शुरू कर दी है।