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संक्रमण का बढ़ता खतरा
बस संचालकों द्वारा कोविड-19 के गाइडलाइन का पालन न करने एवं मनमाना किराया वसूली से यात्रियों में आक्रोश है। नियमों के मुताबिक स्लीपर में एक सीट के बीच में एक खाली छोड़ना है लेकिन बस संचालक खुलेआम ऑनलाइन बुकिंग बिना कोविड गाइडलाइन के पालन किए ही कर रहे हैं।
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मनमाना बढोतरी
कोरोना महामारी में डीजल के दामों में इतनी भी बढ़ोतरी नहीं हुई है कि यात्री किराया भाड़ा में दोगुनी बढ़ोतरी की जाए। इसके बावजूद मनमाना किराया वसूल कर आमजन की जेब पर डाका डाला जा रहा है। वर्तमान समय में छत्तीसगढ़ के बस मालिकों द्वारा ट्रेनों के न चलने का फायदा उठाते हुए लूट मचाई जा रही है, बस मालिकों द्वारा यात्रियों से मनमाना किराया वसूल कर जेब पर डाका डाला जा रहा है।
महिलाओं की सुविधा और सुरक्षा भी नाकाफी
बसों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत सीट आरक्षित हैं। इसके उलट बसों में भीड़ के वक्त ऐसा नहीं लगता न ही महिलाओं को सीट दिए जाने को लेकर कंडक्टर या स्टाफ गंभीर होते हैं, जिसके कारण महिलाओं को दिक्कत झेलनी पड़ती है। नियमों के अनुसार उन्हें सुविधा, सहूलियत नहीं मिल रही, जिसका बेजा इस्तेमाल संचालक करते हैं। इसके एवज में अधिक रुपए वसूले जाते हैं।
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रायपुर आरटीओ शैलाभ साहू ने कहा, मामले की जानकारी मिली है। जल्द ही मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।यह है किराया
स्थान- पूर्व का किराया- रोज बढ़ता किराया
अंबिकापुर – 450 किराया – 900 रुपए
बैकुठपुर – 450 किराया – 550 रुपए
नागपुर – 500 किराया- 1800 रुपए
इंदौर – 600 किराया- 2000 रुपए
रांची – 600 किराया- 1600 रुपए