scriptगौठानों में मवेशी, खेतों में हरियाली, रोका-छेका की यही कहानी | Cattle in Gothans, greenery in the fields, this is the story of Roca-C | Patrika News

गौठानों में मवेशी, खेतों में हरियाली, रोका-छेका की यही कहानी

locationरायपुरPublished: Jul 08, 2020 07:11:30 pm

Submitted by:

lalit sahu

रोका-छेका की कारगर व्यवस्था से अब किसान और पशुपालक निश्चिंत

गौठानों में मवेशी, खेतों में हरियाली, रोका-छेका की यही कहानी

गौठानों में मवेशी, खेतों में हरियाली, रोका-छेका की यही कहानी

रायपुर. प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल द्वारा जब से परंपरागत रोका-छेका व्यवस्था को लागू करने का निर्णय लिया गया तब से गांव-गांव में रोका-छेका अभियान को पहले से बेहतर और मजबूत बनाने के लिए ग्रामीण जुट गए हैं। गांव के सरपंच से लेकर किसान और महिला समूह द्वारा इस परंपरागत व्यवस्था को फिर से लागू करने की पहल की सराहना की गई। आज जब यह अभियान गांव-गांव में चलाया जा रहा है इसका असर किसानों के खेतों में दिखने लगा है, बरसात आते ही जब खेतों में हरियाली छा जाती है तब मवेशी हरा चारा के लालच में अपने घरों से सीधे खेतों की ओर दौड़ते हैं, तब उन्हें छेकना पशुपालकों के लिए सिरदर्द बन जाता है। किसान भी अपने फसल की सुरक्षा को लेकर चिंतित हो जाते है। लेकिन रोका-छेका अभियान के चलते अब जहां किसान और पशुपालक निश्चिंत नजर आ रहे हैं वही खेतों में फसल की हरियाली चहुंओर दिखाई देना शुरू हो गया है। अब खेतों में मवेशी चरते नहीं दिखाई देते हैं बल्कि आदर्श गौठानों में या फिर अपने परंपरागत गौठानों में इक_े दिखते हैं। इसका असर खेतों में भी दिख रहा है।
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गरियाबंद विकासखंड के ग्राम मरोदा के यह व्यवस्था जब से लागू की गई है तब से खेतों में हरियाली दिखाई दे रही है ग्राम के युवा सरपंच अभिमन्यु ध्रुव बताते हैं कि एक तो हमारे गांव में यह परंपरा पहले से था, लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर अब यह व्यवस्था को लागू करने में हमें आसानी हो रही है। पहले कुछ पशुपालकों द्वारा ऐतराज जताया जाता था। इससे कई बार मनमुटाव भी हो जाता था लेकिन अब व्यवस्था लागू होने से यह समस्या भी दूर हो गई। हमने गांव में इस संबंध में दो बार बैठक कर ली है और गांव के उत्साही युवकों द्वारा इस अभियान में बढ़-चढ़ कर सहयोग दिया जा रहा है। फिलहाल हम धान खरीदी मंडी में अस्थाई तौर पर पशुओं को रख रहे हैं। वही गांव के किसान पदुम सिंह ने भी बताया की अब किसान अपने खेतों में बेफिक्र होकर खेती किसानी में जुटे है। एक तरफ हमें फसल के चराई की चिंता से मुक्ति मिली है वही हमारे पशु भी अब सुरक्षित हैं। गांव के अन्य किसान ने बताया की अब गांव में बोनी लगभग 70 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। गांव के ही युवक गजेन्द्र पुजारी, पवन बीसेन, जगदीश देव ने बताया कि मुख्यमंत्री के इस अभियान के लिए हम लोग स्वयं रोका-छेका करते हैं। पंचायत के तरफ से भी हमें पूरा सहयोग मिलता है। ग्राम पंचायत के सचिव ने बताया कि गांव में लगभग 300 मवेशी है जिसे रोकने के लिए अस्थाई रूप से जगह का चयन किया गया है। इस अभियान से अब हमें गोबर भी गौठान में मिल सकेगा जिसे हम शासन को बेच सकते हैं इससे दोहरा फायदा होगा एक तो मवेशी गौठान में सुरक्षित रहेंगे वहीं दूसरी ओर गोबर से आय भी प्राप्त होगा।
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