
तो इस वजह से भूपेश बघेल ने नहीं लिया कोई वकील और कोर्ट में खुद की पैरवी
रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री राजेश मूणत के कथित सेक्स सीडी मामले में सीबीआई ने सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है। भूपेश बघेल 8 अक्टूबर तक न्यायिक रिमांड में रहेंगे। कोर्ट में मामले की सुनवाई से पहले भूपेश ने वकील लेने और जमानत लेने से इनकार कर दिया। भूपेश ने कोर्ट में अपनी पैरवी खुद की और अपने आप को निर्दोष बताया। उन्होंने कहा - मैंने कोई अपराध नहीं किया।
उन्होंने कहा कि जेल जाकर मैं सत्याग्रह करूंगा। सीबीआई ने भूपेश के खिलाफ कोर्ट में आज चालान पेश किया। कोर्ट में भूपेश पर आईपीसी की धारा 469, 471, 120बी, आइटी एक्ट की धारा 67अ लगाया गया है। वहीं कोर्ट ने एक लाख रुपए के मुचलका पर विजय भाटिया को जमानत दे दी है। जबकि विनोद वर्मा पहले से ही जमानत पर हैं। कोर्ट ने विनोद वर्मा पर ब्लैकमेल की धारा को हटा दिया है।
उधर, मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट परिसर में सुरक्षा के एहतियात के तौर पर बड़ी संख्या में पुलिस जवानों की तैनाती की गई थी। भूपेश के न्यायिक रिमांड की खबर कोर्ट परिसर से बाहर आते ही कांग्रेस कार्यकर्ता हंगामा करने लगे। पुलिस को भूपेश को कोर्ट परिसर से बाहर ले जाने में समर्थकों की भीड़ का सामना करना पड़ा। भूपेश के न्यायिक रिमांड से समर्थकों का गुस्सा इस कदर बढ़ गया कि पुलिस की जिस गाड़ी में भूपेश को ले जाना था उसपर चढ़ गए और हंगामा करने लगे।
इससे पहले सुबह जब सीबीआई ने स्पेशल जज सुमित कपूर के कोर्ट में चालान पेश किया। स्पेशल जज सुमित कपूर ने सीबीआई को अधूरा चालान पेश किए जाने पर कड़ी फटकार लगाई और दोबारा चालान पेश करने के आदेश दिए। बताया जा रहा है कि सीबीआई के चालान में गवाहों की फोटो सहित कई दस्तावेज नहीं थे।
Updated on:
24 Sept 2018 07:06 pm
Published on:
24 Sept 2018 06:54 pm
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